Uddhav Thackeray: चुनाव परिणाम के बाद अब सरकार गठन की प्रक्रिया तेज है. नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी की मदद से बीजेपी अब एनडीए की सरकार बनाने को तैयार है. इसी बीच राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि क्या उद्धव ठाकरे की शिवसेना की एनडीए में घर वापसी हो सकती है. इस पर ना तो बीजेपी और ना ही उद्धव की शिवसेना की तरफ से कोई बयान नहीं आया है लेकिन कयासों का बाजार गर्म है. हालांकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने साफ कहा कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस नहीं जाएंगे. 


पाला बदलने की अटकलें 


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असल में मुंबई में जयंत पाटिल ने शिवसेना (यूबीटी) के पाला बदलने को लेकर जारी अटकलों पर विराम लगाने की कोशिशों के तहत यह बात कही. पाटिल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने ठाकरे से मुलाकात कर उन्हें महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की सफलता के लिए बधाई दी. 


'पाला बदलने की संभावना नहीं'?


बुधवार को दिल्ली में हुई ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में ठाकरे के शामिल नहीं होने और मीडिया में आईं खबरों के अनुसार भाजपा के उनसे संपर्क साधने के बारे में पूछने पर पूर्व मंत्री पाटिल ने कहा, “उनके पाला बदलने की कोई संभावना नहीं है.” शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बैठक में पार्टी का प्रतिनिधित्व किया. पाटिल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे राज्य में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतकर एमवीए की सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं.


48 में से 30 सीटें जीतीं.. एमवीए..


बता दें कि हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) को नौ सीट पर जीत मिली है. भाजपा ने भी इतनी सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को सात सीट पर जीत हासिल हुई. कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के गठबंधन महाविकास आघाडी (एमवीए) ने कुल 48 में से 30 सीटें जीतीं. कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने राज्य स्तर पर महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन बनाया है और ये सभी दल 'इंडिया' गठबंधन में शामिल हैं.


हालांकि राकांपा (एसपी) के विधायक रोहित पवार की ‘एक्स’ पर एक पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि एमवीए के कुछ नेताओं के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के संपर्क में होने की आशंका है और आगामी विधानसभा चुनाव में किसी भी विश्वासघात से बचने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है. पार्टी के नेता रोहित पवार की इस पोस्ट पर पाटिल ने कहा, “मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता.


उपमुख्यमंत्री अजित पवार के करीबी विधायकों के शरद पवार खेमे में लौटने की संभावना से संबंधित सवाल पर पाटिल ने कहा कि इस मुद्दे पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. हालांकि, पाटिल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कुछ लोगों की सोच में बदलाव देखने को मिला है. अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने सिर्फ एक लोकसभा सीट जीती है. पाटिल ने कहा, “मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि यह बहुत जल्दबाजी होगी.