मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने रविवार को नागपुर में सावरकार विवाद पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम (Common Minimum Programme) पर चल रही है, विचारधारा के आधार पर नहीं. उद्धव ने कहा कि वीर सावरकार पर हमारा रुख वही है, जो पहले था. ठाकरे ने नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) को महाराष्ट्र में लागू करने को लेकर भी अपनी बात रखी.  ठाकरे ने कहा, "पहले सुप्रीम कोर्ट को इस पर निर्णय लेने दें, फिर हम अपना रुख स्पष्ट करेंगे."


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गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा के शीत कालीन सत्र का शुरूआत सोमवार से नागपूर मे हो रही है. तीन पार्टियो की मिली-जुली सरकार का ये पहला विधानसभा सत्र होगा. बीजेपी सारवरकर और किसानों के मुद्दे को लेकर आक्रामक है. ऐसे में सरकार को इन सवालो के जवाब देना बारी पड़ सकता है. 


क्या सावरकर विवाद को लेकर फंस गई कांग्रेस?
वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराने की बात कही है. उन्होंने कहा कि शिवसेना नैतिकता और राजनीति में नैतिकता का चुनाव करे. जी मीडिया से रंजीत सावरकर ने कहा कि वो राहुल राहुल गांधी के बयान को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी मिलेंगे. रंजीत सावरकर ने कहा है कि शिवसेना पॉलिटिक्स और एथिक्स में से एथिक्स को चुनें.


नागरिकता केंद्र का विषय, राज्य कानून को लागू करने से इनकार नहीं कर सकते: जितेंद्र सिंह


 


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रंजीत सावरकर का यह बयान भी आज चर्चा में रहा जिसमें उन्होंने शिवसेना को कांग्रेस के बिना महाराष्ट्र में अकेले सरकार चलाने का मशविरा दिया. रंजीत सावरकर ने दावा किया कि बीजेपी, शिवसेना की सरकार को नहीं गिराएगी. सावरकर विवाद के बाद महाराष्ट्र में सियायत 360 डिग्री घूम गई है. शिवसेना, बीजेपी एक ही मुद्दे पर साथ हैं, जबकि उद्धव सरकार में सहयोगी कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई है.