Uddhav Thackeray Hindutva Agenda: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को हार का सामना करना पड़ा और उनकी पार्टी  सिर्फ 20 सीटें जीतने में ही कामयाब हो पाई. हालांकि, अब लगता है कि शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने विधानसभा चुनाव के गम को भुला दिया है और आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं. उद्धव ने मंगलवार को पार्टी के पूर्व पार्षदों से मुलाकात की और उन्हें आगामी बीएमसी चुनावों की तैयारी शुरू करने के साथ ही हर घर तक 'हिंदुत्व के एजेंडे' को ले जाने का निर्देश दिया. इसके बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर अब बीजेपी उद्धव की नई चाल से कैसे निपटेगी.


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अब हिंदुत्व के एजेंडे पर लड़ेंगे उद्धव ठाकरे


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में शामिल सूत्रों ने बताया कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने पूर्व पार्षदों से भाजपा और महायुति के इस कथन का खंडन करने को कहा कि शिवसेना यूबीटी ने हिंदुत्व की विचारधारा को त्याग दिया है. एक पूर्व पार्षद ने कहा, 'उन्होंने हमसे कहा कि शिव सेना यूबीटी हमेशा हिंदुत्व के लिए काम करती रही है और यह हमेशा काम करती रहेगी. लेकिन विरोधियों ने एक झूठी कहानी फैलाई है कि हमने हिंदुत्व को छोड़ दिया है. उन्होंने हमसे कहा कि हम हिंदुत्व के एजेंडे को लोगों तक पहुंचाएं.'


..तो क्या इस बार गठबंधन नहीं करेंगे उद्धव


सूत्रों के अनुसार, अधिकांश पूर्व पार्षदों की राय थी कि शिवसेना यूबीटी को निकाय चुनावों में किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनना चाहिए. हालांकि, उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने पार्षदों से कहा कि वे पहले जमीनी स्तर पर काम शुरू करें. यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब कुछ दिन पहले पार्टी नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व से कहा था कि विधानसभा चुनावों में गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद वे एमवीए छोड़ दें. सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान उद्धव ने पार्षदों से कहा कि वे मुंबई के 36 विधानसभा क्षेत्रों के 227 वार्डों में अपनी तैयारी शुरू कर दें. उन्होंने मुंबई में चुनाव संबंधी जिम्मेदारियों के लिए विधायकों, नेताओं, सचिवों और समन्वयकों की भी नियुक्ति की.


शिवसेना (यूबीटी) के एक पदाधिकारी के अनुसार, निकाय चुनावों के लिए 18 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं, जो तैयारियों की निगरानी करेंगे और उन्हें शुरू करेंगे. शिवसेना के एक पदाधिकारी ने कहा, 'उद्धव जी ने हमें अगले सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. रिपोर्ट के आधार पर सीटों का वर्गीकरण किया जाएगा और एक व्यापक चुनाव रणनीति तैयार की जाएगी.'


साल 2017 में हुआ था बीएमसी का आखिरी चुनाव


बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के चुनाव आखिरी बार 2017 में हुए थे, तब भारती जनता पार्टी (BMC) ने 82 सीटें जीती थी, जबकि शिवसेना (अविभाजित) ने 84 सीटें पर कब्जा किया था. इसके अलावा कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत मिली थी. इस हिसाब से साल 2022 में ही बीएमसी का चुनाव होना चाहिए था, लेकिन तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार ने परिसीमन करते हुए बीएमसी में प्रभागों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 कर दिया था. हालांकि, फिर शिंदे सरकार बनने के बाद प्रभागों की संख्या घटाकर फिर से 227 कर दी गई. इसके बाद ओबीसी कोटे और प्रभागों की संख्या को लेकर अब यह मामला कोर्ट में है और कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ही बीएमसी के चुनाव का रास्ता साफ हो पाएगा. बता दें कि 8 फरवरी 2022 से प्रशासक ही बीएमसी को चला रहे हैं. पहले तत्कालीन बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल प्रशासक की भूमिका में थे और उनके बाद मौजूदा कमिश्नर भूषण गगरानी प्रशासक के रूप में काम कर रहे हैं.