नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद कश्मीरी छात्रों पर हमले के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शुक्रवार को देश भर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर परिसरों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए कहा है. 


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मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी को गुरुवार को निर्देश दिया था कि सभी विश्वविद्यालयों को परामर्श जारी कर सुनिश्चित करें कि कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा से समझौता नहीं हो.


यूजीसी के पत्र में लिखा गया है, 'विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के बारे में मीडिया से मिल रही खबरों के परिप्रेक्ष्य में सभी संबद्ध विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को परामर्श दिया जाता है कि परिसर में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. वे स्थिति पर नजर रख सकते हैं और अप्रिय घटना की स्थिति में कानून-व्यवस्था लागू करने वाली एजेंसियों से सहायता मांग सकते हैं.' 


पत्र में कुलपतियों से आग्रह किया गया कि 'छात्रों की सुरक्षा और विश्वविद्यालयों...कॉलेजों में शांति बनाए रखने के मामले में व्यक्तिगत रूप से नजर रखें.' शिवसेना की युवा शाखा युवा सेना के कथित सदस्यों द्वारा महाराष्ट्र के यवतमाल के एक कॉलेज में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों पर हमले और उन्हें धमकी देने के दो दिन बाद यह घोषणा की गई.


एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, 'अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) की तरफ से हमने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को स्कॉलरशिप पर भेजे गए छात्रों की जानकारी ली और कोई समस्या नहीं है.' 


उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएसएस) (कश्मीरी छात्रों की सहायता के लिए स्कॉलरशिप) के तहत जिन कॉलेजों में छात्र पढ़ रहे हैं, हमने एक शिक्षक से उनका काउंसलर बनने के लिए कहा है ताकि उनमें भय की भावना नहीं हो. यह प्रक्रिया दो वर्ष पहले शुरू की गई थी.' 


एचआरडी उच्च शिक्षा सचिव आर. सुब्रमण्यम ने कहा कि पीएमएसएस योजना के तहत 600 संस्थानों में 8600 से अधिक कश्मीरी छात्र हैं और एआईसीटीई एवं पीएमएसएसएस की टीम हमेशा उनके संपर्क में है.