Umesh Pal Murder Case: STF के 12 जांबाज जो बने अतीक के बेटे का काल! असद और गुलाम को ऐसे ढूंढ निकाला
UP STF Team: उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के बाद से असद और गुलाम फरार थे. दोनों को ढूंढने में यूपी एसटीएफ की टीम ने कई रातें काली कीं. आइए जानते हैं कि असद और गुलाम का एनकाउंटर कैसे हुआ.
Asad Encounter: उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) का आरोपी और माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) का बेटा असद (Asad) एनकाउंटर में मारा जा चुका है. झांसी में मुठभेड़ के दौरान असद और शूटर गुलाम को ढेर कर दिया गया. यूपी एसटीएफ के 12 बारह जांबाज जिन पर पूरे देश की निगाहें थीं. इन 12 पुलिसकर्मियों ने असद और गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया. ये 12 जांबाज उमेश पाल की हत्या के बाद से लगातार असद और गुलाम की तलाश में जुटे थे. इन्होंने अपनी कई रातें काली कीं. इस टीम को लीड डीएसपी नवेन्दु और डीएसपी विमल कर रहे थे. असद और गुलाम फरवरी महीने से ही इनके साथ चोर-सिपाही का खेल रहे थे. खुद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इनसे बात कर रहे थे. हर मूवमेंट की जानकारी ले रहे थे. लेकिन जिस बहादुरी और जांबाजी से दोनों अपराधियों को ढेर किया उसके बाद से लगातार इन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है.
कब-कब बदला गया ठिकाना?
बता दें कि इन बहादुर पुलिसकर्मियों में लखनऊ, प्रयागराज और नोएडा एसटीएफ की टीम शामिल थी. इनके चेहरों को देखकर आप अंदाजा लगाया जा सकते हैं कि इस ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद इनको कितना सुकून मिला है. जानकारी के मुताबिक, उमेश पाल के हत्या के बाद असद और गुलाम के फरार होने के दौरान दिल्ली के जामिया इलाके में 12 दिन, नोएडा, कानपुर और झांसी में 4 दिन अपना ठिकाना बदलता रहे.
कौन हैं STF के 12 जांबाज?
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद का काल बनी यूपी एसटीएफ की टीम में डीएसपी नावेंदु कुमार, डीएसपी विमल कुमार, निरीक्षक अनिल कुमा सिंह, निरीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार राय, उप निरीक्षक, विनय तिवारी, पंकज तिवारी, सोनू यादव, सुशील कुमार, सुनील कुमार, भूपेंद्र सिंह, कमांडो अरविंद कुमार और कमांडो दिलीप कुमार यादव शामिल रहे.
कैसे हुआ असद का एनकाउंटर?
असद एनकाउंटर केस की एफआईआर के अनुसार, असद और गुलाम बिना नंबर प्लेट वाली बाइक से चिरगांव की ओर से पारीछा की तरफ जा रहे हैं, ऐसी पुलिस को खबर मिली थी. दोनों को रोकने का प्रयास किया गया. बाइक को ओवरटेक करने पर दोनों ने भागने की कोशिश की. इसके बाद एसटीएफ की टीम ने दोनों को घेर लिया. फिर आगे जाकर बाइक फिसल गई. इसके बाद दोनों ने फायरिंग शुरू कर दी. दोनों को जिंदा पकड़ने का प्रयास किया गया. फिर पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. थोड़ी देर के बाद गोलीबारी बंद हो गई. एसटीएफ टीम ने जाकर देखा तो दोनों नीचे पड़े दर्द से चिल्ला रहे थे.
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