Coronavirus: स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, तैयारियां पूरी, देश इस महामारी से निपटने के लिए तैयार
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि पीपीई (Personal Protective Equipment) किट, एन 95 मास्क जैसी चीजें हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harshvardhan) ने कहा है कि पीपीई (Personal Protective Equipment) किट, एन 95 मास्क जैसी चीजें हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं और अगर भविष्य में इससे ज्यादा मास्क्स, वेंटीलेटर्स, आईसीयू बेड और पीपीई किट्स की जरूरत पड़ती है, तो हम इसके लिए भी तैयार है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि जरूरत के हिसाब ये चीजें मुहैया करवाई जाएंगी. अभी हमारे पास पर्याप्त मात्रा में कोरोना वायरस टेस्ट किट्स हैं और अगर राज्यों को इनकी जरूरत पड़ती हैं, तो तत्काल ये उन्हें उपलब्ध करवाई जाएंगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को आईसीएमआर, डिपार्टमेंट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और सीएसआईआर के उच्च अधिकारियों के साथ एक रिव्यू मीटिंग की.
डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड 19 सैम्पलिंग और टेस्टिंग स्ट्रैटजी को रिव्यू किया और कहा कि जल्द से जल्द प्रयास किए जाएं कि टेस्टिंग किट्स अलग-अलग लैब को उपलब्ध हो सकें. इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ये सुनिश्चित करें कि राज्यों के पास जरूरी सुविधाएं और उन्हें टेस्टिंग किट और इक्विपमेंट की कमी का सामना न करना पड़े.
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टेस्टिंग किट्स की क्वालिटी से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए. इसके लिए इन किट्स का रेगुलर क्वालिटी असेसमेंट हो.
वहीं नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी का असर काफी कम और काबू करने लायक होगा. उन्होंने कहा कि इसका कारण ये है कि अन्य देशों के मुकाबले देश में ‘लॉकडाउन’ और यात्रा पाबंदी का निर्णय बहुत पहले ही ले लिया गया.
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महामारी से निपटने के लिए जा रहे प्रयासों के समन्वय के लिए गठित समिति के अध्यक्ष पॉल ने कहा कि देश इससे निपटने के पूरी तरह से तैयार है. हालांकि उन्होंने कहा कि इस समय यह बताना मुश्किल है कि स्थिति कबतक स्थिर होगी क्योंकि, यह कई बातों पर निर्भर है. यह इस पर निर्भर करेगा कि हम जो भी कदम उठा रहे हैं, वे कितने प्रभावी होते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या बुधवार को 1,637 पहुंच गई, जबकि 38 लोगों की मौत हो चुकी है. कुल संक्रमित मामलों में से 132 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि एक व्यक्ति दूसरे देश चला गया है.
उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि स्थिति अगर बदतर होती है तो यह महामारी देश के किसी भी हिस्से की आबादी के लिए विनाशकारी हो सकती है.
नीति आयोग के सदस्य ने कोरोना वायरस परीक्षण को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की सराहना की.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देश में 25 मार्च से 21 दिन का ‘लॉकडाउन’ है. इस देशव्यापी बंद के कारण एक बड़ा अंतर आएगा क्योंकि, इससे वायरस फैलने की जो एक श्रृंखला है, वह टूटेगी और इसे उल्लेखनीय रूप से काबू में किया जा सकेगा.