प्रयागराज: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तैयारियों में जुटी BSP प्रदेशभर में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन करके ब्राह्मण वोटरो को रिझाने की कोशिश कर रही है. इसका जिम्मा मायावती ने पार्टी के कद्दावर ब्राह्मण नेता राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) को सौंपा है. 


ब्राह्मणों को रिझाने प्रयागराज पहुंचे थे मिश्रा


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ब्राह्मणों को रिझाने के लिए सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) सोमवार को संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) पहुंचे थे. यहां पर सतीश चंद्र मिश्रा ने शाम को अरैल में गंगा आरती और पूजन में भाग लिया लेकिन ब्राह्मणों को रिझाने के बजाय उन्होंने नाराज कर दिया. दरअसल गंगा आरती और पूजन के दौरान सतीश चंद्र मिश्रा स्तुति वंदना के लिए खड़े नहीं हुए. वे इस दौरान पार्टी नेता नकुल दूबे और राम शिरोमणि शुक्ला के साथ बैठकर चर्चा में मशगूल थे. 


तीर्थ पुरोहितों ने जताई घटना पर नाराजगी


इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद संगम के तीर्थपुरोहितों और ब्राह्मण वर्ग में नाराजगी है. तीर्थपुरोहितों का कहना है कि सतीशचन्द्र मिश्रा ने गंगा आरती स्तुति के दौरान बैठकर सिर्फ समाज का ही नहीं बल्कि मां गंगा (Maa Ganga) का भी अपमान किया है. ऐसा लग रहा है की सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मणों को सम्मान दिलाने नहीं बल्कि खुद का सम्मान करवाने के लिए यहां आए थे.


'चुनाव के समय ब्राह्मण बन जाते हैं सतीश चंद्र मिश्रा'


प्रयागराज में हुई इस घटना पर कांग्रेस और बीजेपी ने निशाना साधा है. कांग्रेस नेता संजय तिवारी ने कहा कि सतीश चंद्र मिश्रा सिर्फ चुनाव के समय ब्राह्मण बन जाते हैं. इससे पहले उन्हें कभी ब्राह्मणों की याद नहीं आती. कांग्रेस नेता ने कहा कि  जिस तरीके से सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) गंगा आरती स्तुति के दौरान बैठे रहे, उससे उन्होंने केवल मां गंगा का ही नहीं बल्कि सनातन परंपरा का भी अपमान किया है. संजय तिवारी ने कहा कि सतीश चंद्र मिश्रा चुनाव के समय सिर्फ ब्राह्मण नेताओं से कलेक्शन के लिए निकले हैं. 


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'जो गंगा का सम्मान नहीं करता, वह कैसा ब्राह्मण'


वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष विनय मिश्रा ने भी सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) पर निशाना साधा. विनय मिश्रा ने कहा कि हमारी परंपरा रही है कि जब भी गंगा आरती के दौरान स्तुति वंदना होती है, तब हम हाथ जोड़कर गंगा आरती गुनगुनाते हैं. जिन लोगों को स्तुति नहीं आती, वे भी सम्मान स्वरूप खड़े हो जाते हैं. वहीं खुद को ब्राह्मण कहने वाले सतीश चंद्र मिश्रा को ये तक ज्ञान नहीं कि गंगा आरती में बैठा नहीं जाता. उन्होंने कहा कि जो हमारी पूजनीय मां गंगा (Maa Ganga) का सम्मान नहीं कर सकता है, वह ब्राह्मण समाज का सम्मान क्या करेगा.


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