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अयोध्या: यूपी विधान सभा चुनाव 2021 (UP Assembly Elections) से पहले ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने के लिए बीएसपी ब्राह्मण सम्मेलन (Brahmin Sammelan) कर रही है. अयोध्या (Ayodhya) में आज (शुक्रवार को) बीएसपी (BSP) के ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत हुई. बीएसपी के महासचिव सतीश मिश्र ने ब्राह्मण सम्मेलन से पहले हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि के दर्शन किए. 29 जुलाई तक यूपी में ब्राह्मण सम्मेलन चलेगा.
सतीश मिश्र (Satish Misra) ने कहा कि क्या राम और अयोध्या पर बीजेपी (BJP) की ठेकेदारी हो गई है? क्या हमें बीजेपी से परमिशन लेकर दर्शन करने जाना होगा? सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में शुरुआत हुई. पिछले 30 साल में जमा किए पैसे का हिसाब दें, जो इन्होंने अयोध्या के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये इकट्ठा किए हैं. हर जगह से इन्होंने चंदा लिया. अब फिर चंदा मांग रहे हैं. भगवान राम के लिए आप झोला लेकर घूम रहे हैं.
राज्य सभा सांसद सतीश मिश्र ने कहा कि 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ था. उस दिन ब्राह्मणों ने सवाल उठाए थे कि ये तारीख किसने बताई? ऐसा अशुभ दिन चुना जिससे काम ही नहीं हो पा रहा है. एक साल में मंदिर की नींव भी नहीं बन पा रही है. मंदिर बनेगा या नहीं, ये आज भी प्रश्न चिन्ह है. मैं कहना चाहता हूं कि इनका असली चेहरा पहचानिए. ये आपको इसी तरह से धीरे-धीरे चलाते रहेंगे.
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उन्होंने आगे कहा कि अगर यूपी के ब्राह्मण समाज के लोग इकट्ठा हो गए तो 2022 में बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी. 2022 में बीएसपी की सरकार बनेगी तो इन्होंने राम मंदिर के लिए जो पैसे इकट्ठा किए हैं, हम इन्हें मजबूर करेंगे कि राम मंदिर बनाएं. यह काम भी बीएसपी की सरकार में ही होगा.
सतीश मिश्र ने कहा कि अगर ब्राह्मण समाज एकजुट हो जाए तो कोई इग्नोर नहीं कर सकता है. सत्ता की चाभी लेने के लिए 13% ब्राह्मण अगर 23% दलित समाज के साथ मिल जाए तो जीत सुनिश्चित है. हाथी नहीं गणेश है, ब्रम्हा, विष्णु, महेश है. जिसकी जितनी तैयारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. हमने 45 विधायक ब्राह्मण बनाए थे.
उन्होंने आगे कहा कि सपा और बीजेपी ने ब्राह्मण समाज के लोगों को छोड़ दिया, लेकिन मायावती ने ब्राह्मण समाज को नहीं छोड़ा और ब्राह्मण समाज के हर अधिकारी को उचित पोस्टिंग दी गई. बीजेपी में ब्राह्मण समाज के लोगों को झोला और गुलदस्ता उठाने के लिए मंत्री बनाया गया है.
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सतीश मिश्र ने कहा कि यूपी के ब्राह्मण समाज के लोगों से आह्वान है कि अगर आप परशुराम जी के वंशज हैं तो डर निकालिए. आप तिलक लगाते हैं और जनेऊ पहनते हैं. कान्यकुब्ज और सरयूपारी ब्राह्मण का अंतर भूला दीजिए. यूपी में दलित और ब्राह्मण समाज पर अत्याचार हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि खुशी दुबे का क्या दोष है? जो साढ़े सोलह साल की हैं. खुशी दुबे की शादी 29 जून को होती है, 30 जून को ससुराल में उनका पहला दिन था. 2 जुलाई को बिकरू की वारदात हो गई. पुलिस की हत्या को हम सही नहीं मानते हैं. 2 जुलाई के हादसे के बाद खुशी दुबे को जेल भेज दिया गया. कानपुर की रहने वाली खुशी दुबे को बाराबंकी रिमांड होम में भेज दिया गया. खुशी दुबे को एक साल से जेल में रखा है. खुशी दुबे के पति का भी एनकाउंटर हो चुका है.
सतीश मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री को खुशी दुबे के मामले का संज्ञान ले लेना चाहिए था. कम से कम इस बच्ची को तो छोड़ दीजिए. बाराबंकी रिमांड होम में 2 कमरे में 48 लड़कियों को बंद कर रखा है. सर्वसमाज की सरकार सिर्फ मायावती बना सकती हैं. जाति पूछ लो और ठोक दो, यह मौजूदा सरकार कर रही है.
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