UP CM Yogi Adityanath: बंटेंगे तो कटेंगे... CM योगी के इस नारे से पहले ही विपक्षी खेमा बेचैन है, लेकिन इसी फॉर्मूले में संघ और बीजेपी आ चुके हैं. साझा संदेश दे दिया गया है कि ना बंटेंगे, ना कटेंगे. उत्तर प्रदेश उपचुनाव में 9 की 9 सीटों पर जीत पक्की करने का संघ का फॉर्मूला यही है. 


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संघ ने उपचुनाव वाली सभी सीटों के लिए बूथ लेवल पर संघ कार्यकर्ताओं की टोलियां बनाईं हैं. इन टोलियों का काम है घर-घर तक संदेश पहुंचाना. ये टोली 5 से 10 लोगों के छोटे-छोटे ग्रुप के साथ बैठकें करना शुरू कर चुकी है. सभी जातियों से संपर्क करके जातियों में बंटे हिंदुओं को राष्ट्रवाद पढ़ाया जा रहा है. सबसे अहम ये है कि हर वर्ग और जाति को बंटेंगे तो कटेंगे के नारे का मतलब भी समझाया जा रहा है. यानी उपर से लेकर नीचे तक, हर लेवल पर संघ के कार्यकर्ताओ की टोलियां एक्टिव हो चुकी है. मकसद सिर्फ एक है कि उपचुनाव में जीत की संघ की गारंटी को पूरा करना है.


बंटेंगे तो कटेंगे... योगी आदित्यनाथ के लिए ये नारा नहीं, बल्कि जीत का मंत्र है. CM योगी जानते हैं कि बीजेपी और संघ का एक रहना कितना जरूरी है. लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और संघ बंटे तो वोट कटे, लेकिन उपचुनाव में ऐसा ना हो, इसके लिए संघ ने भी योगी के कटेंगे तो बंटेंगे का मतलब समझ लिया है. 


इसी का नतीजा है कि अब संघ ने यूपी उपचुनाव में बीजेपी की जीत का जिम्मा उठा लिया है. संघ के कार्यकर्ता अब घर-घर जाकर योगी के बटेंगे तो कटेंगे का मैसेज लोगों को समझाएंगे. यानी लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और संघ के बीच जो खाई पैदा हुई थी, उसे CM योगी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात करके पाट दिया है.


हाल ही में RSS में सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भी कहा है कि हिंदू समाज एकता से नहीं रहेगा तो इतिहास क्या कहता है? अगर हम जाति समाज, क्षेत्र का भेद करेंगे तो कटेंगे ही. हिंदू समाज की एकता संघ के जीवन व्रत में है. हिंदू एकता को तोड़ने के लिए कई शक्तियां काम करती हैं, इसलिए हम हिंदू एकता चाहते हैं. यूपी उपचुनाव में बीजेपी और संघ एकजुट होकर हिंदुओं को एकजुट करने की मुहिम चलाएंगे जिसकी काट के लिए समाजवादी पार्टी ने भी अपनी लाइन लेंथ तय कर ली है.


सपा ने भी नारा गढ़ दिया है. ना बंटेंगे ना कटेंगे... 2027 में नफरत करने वाले हटेंगे... हिंदू-मुस्लिम एक रहेंगे तो नेक रहेंगे...


सपा के एक पोस्टर पर जो लिखा है, शिवपाल यादव उससे एक लेवल ऊपर जाकर बयान दे रहे हैं.. शिवपाल कहते हैं कि - PDA ना तो बंटेगा ना तो कटेगा, जो ऐसी बातें करेगा बाद में पिटेगा. 


विपक्षी दलों में खलबली मचनी तो बनती है... क्योंकि हरियाणा चुनाव में योगी का बंटेंगे तो कटेंगे का नारा हिट रह चुका है. अब योगी के इस नारे की पब्लिसिटी का काम यूपी में खुद संघ ने संभाल लिया है.


इधर संघ कार्यकर्ता तो उधर बीजेपी कार्यकर्ता एकजुट होकर उपचुनाव जीतने में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. बीजेपी ने नौ सीटों को 9 क्लस्टर में बांटकर उपचुनाव लड़ने की अपनी रणनीति बनाई है.


योगी सरकार के 30 मंत्रियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है. हर सीट पर जातीय समीकरण साधने के लिए बीजेपी ने 10-10 विधायकों को भी तैनात करने की रणनीति बनाई है. यूपी बीजेपी के अलग-अलग मोर्चों को जातीय समीकरण के आधार पर चुनावी विधानसभा क्षेत्र में तैनात किया गया है. 


मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बीजेपी के मुस्लिम नेताओं को लगाया जाएगा. इसके अलावा CM योगी की हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक रैली होगी. यानी उपचुनाव बीजेपी और संघ दोनों की साख का सवाल बना है. योगी की इमेज और संघ की गारंटी, दोनों दांव पर लगी है.