Udaipur Murder: उदयपुर मर्डर का यूपी कनेक्शन! पीलीभीत से गुल्लक के जरिए फंडिंग का हुआ खुलासा
UP connection of Udaipur Murder Case: उदयपुर हत्याकांड में गुल्लक कनेक्शन सामने और और जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से पैसे जुटाए थे.
Gullak Connection in Udaipur Murder Case: देश में माहौल बिगाड़ने में 5 कट्टर संगठन एक्टिव हैं और ये संगठन सोशल मीडिया के जरिए माहौल बिगाड़ रहे हैं. इस बात का खुलासा गृह मंत्रालय को भेजी गई जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में हुआ है. इसके साथ ही इस बात का भी खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में फंडिंग को लेकर गुल्लक के जरिए पैसे जुटाए जा रहे हैं. पूरे देश में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए एक बड़ी साजिश की तैयारी हो चुकी है. अब हथियारों के साथ साथ बड़े स्तर पर सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा
देश में 5 कट्टर आतंकी संगठन एक्टिव
देश की सुरक्षा में तैनात खुफिया तंत्र से जुड़े आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक देश में 5 कट्टर आतंकी संगठन उत्तरी और मध्य इलाकों में काफी ज्यादा एक्टिव हो गए हैं. इनमें 500 से ज्यादा टेरर प्रोफेसर्स, 1500 से ज्यादा वॉट्सऐप ग्रुप, फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब के जरिए आतंक के क्लासरूम चला रहे हैं. ऑनलाइन दंगों का सिलेबस भी इंटरनेट के जरिए आतंकियों द्वारा बनाए गए अलग अलग ग्रुप्स में अपलोड किया जा रहा है. इससे स्लीपर सेल तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें बेरोजगार युवक-युवतियों से लेकर इंजीनियरिंग तक के स्टूडेंट्स शामिल हैं.
पूरे देश में नफरत और दहशत फैलाने का प्लान
पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सहित पूरे देश में आतंकवाद का नया चेहरा सामने आ रहा है. दहशत फैलाने वाले खंजर, एके-47 जैसी बंदूकों, बसों और ट्रेनों में बम प्लांट करने की प्लानिंग के साथ साथ नए-नए तरीके से साजिश रचे रहे हैं. इस बार निशाने पर दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों के साथ साथ छोटे शहर भी हैं. मकसद अब भी वही है, पूरे देश में नफरत, दहशत और आतंक फैलाना.
दंगे भड़काने के मकदस से की गई कन्हैया की हत्या
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि इस साल हिंदू संगठनों की तरफ से अलग अलग त्योहारों के मौकों पर निकाली गई रैलियों के दौरान देश के कई इलाकों में सुनियोजित तरीके से दंगे कराए गए थे. उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या का मकसद भी देश में दंगे भड़काना ही था.
गुल्लक के जरिए किया जा रहा फंड जमा
उदयपुर हत्याकांड का कनेक्शन पीलीभीत से निकलकर आया है, जिससे कि यह दावा किया जा रहा है कि दावत-ए-इस्लामी एक पाकिस्तानी संगठन है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी साफ है कि किस तरह से पीलीभीत की दुकानों पर गुल्लक रख कर संगठन की तरफ से आतंक के लिए फंड इकठ्ठा किया जा रहा है.
पीलीभीत में कई सालों से सक्रिय है संगठन
दावत-ए-इस्लामी संगठन पीलीभीत में कई सालों से सक्रिय है. वह यहां के कई मदरसों को चलाने के साथ लगभग 250 दुकानों पर गुल्लक रखकर चंदा इकट्ठा कर रहा है. पीलीभीत के लगभग हर बाजार में दुकानदारों के यहां काउंटर पर वह गुल्लक रखी हुई है, जिसमें दावत-ए-इस्लामी को दान देने की अपील है.
कहां जाता है गुल्लकों में जमा पैसा?
गुल्लकों में जमा पैसा कहां जाता है इस बात की जानकारी किसी को नहीं है. बस गुल्लक पर यह लिखा है कि आप अपनी मर्जी से जितना चाहे उतना इसमें दान कर सकते हैं. गुल्लक में दस, बीस या पचास के नोट के साथ साथ फुटकर पैसे भी दिख जाएंगे. यह गुल्लक शहर के बेलो चौराहे, रामस्वरूप पार्क, बरेली दरवाजे, जहानाबाद, शेरपुर, न्यूरिया जैसे इलाके में लगभग हर दूसरी दुकान पर दावत-ए-इस्लामी के नाम से रखी हुई है. ऐसी दुकानों की संख्या 250 के करीब है.
पाकिस्तान से हो रहा संगठन का संचालन
दावत-ए-इस्लामी का नेटवर्क भारत सहित दुनिया भर में फैला हुआ है. भारत में दिल्ली और मुंबई में इसका हेडक्वार्टर है. इसका संचालन पाकिस्तान से हो रहा है और बताया जा रहा है की पीलीभीत में दावत-ए-इस्लामी का नेटवर्क 2005 से फैलना शुरू हुआ था. दावत-ए-इस्लामी के जो भी सदस्य होंगे, वो हरे रंग का साफा यानी पगड़ी पहने दिखाई देंगे.
दावत-ए-इस्लामी से जुड़े हैं कन्हैयालाल के हत्यारे
उदयपुर में कन्हैयालाल की बर्बर हत्या करने वाले हत्यारे दावत-ए-इस्लामी संगठन से भी जुड़े हुए हैं. इस जघन्य अपराध की जांच कर रहे खुफिया जांच एजेंसियों के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कत्ल की साजिश 20 जून को उदयपुर कलेक्ट्रेट पर नूपुर शर्मा के खिलाफ हुए बड़े प्रदर्शन के बाद रची गई थी.
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