UP Electricity: उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों की हड़ताल खत्म हो गई है. रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा अचानक बिजलीकर्मियों के नेताओं से बैठक करने पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने यह निर्णय लिया.  बिजली कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल के कारण राज्य के कई हिस्सों में बिजली सप्लाई ठप हो गई थी, जिसके बाद कई जगहों पर आक्रोशित जनता सड़क पर उतर आई थी. 


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इससे पहले उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (वीकेएसएसएस) के बीच शनिवार की देर रात बातचीत चली थी, जो बेनतीजा रही थी. वीकेएसएसएस के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत 22 हड़ताली इंजीनियरों के खिलाफ एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (एस्मा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. दुबे ने कहा था कि अगर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, तो भी हड़ताल जारी रहेगी.


लोगों ने जमकर किया था विरोध


बिजलीकर्मियों की हड़ताल के कारण प्रयागराज और लखनऊ के कई हिस्सों में बिजली कटौती को लेकर विरोध शुरू हो गया था. लखनऊ में सिंगरनगर में लोगों ने लखनऊ-कानपुर रोड जबकि प्रयागराज के कोठा परचा इलाके में सड़कों को जाम कर दिया गया था. इससे पहले बैठक में मंत्री ने हड़ताली कर्मचारियों को काम पर लौटने या नौकरी गंवाने की चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि 1,332 ठेका कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है और काम पर न लौटने पर 1 हजार को चेतावनी दी गई है.


कितना हुआ बिजली उत्पादन?


गौरतलब है कि शनिवार शाम तक 2,392 मेगावाट बिजली पैदा की गई, जो कुल 13,856 मेगावाट की मांग का 17 प्रतिशत है. 1,000 मेगावाट ओबरा संयंत्र, 1,130 मेगावाट अनपरा प्लांट और 210 मेगावाट पारीछा प्लांट के बंद होने के कारण बिजली उत्पादन नहीं हुआ. हड़ताल के समर्थन में हरदुआगंज इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन सेंटर भी बंद होने जा रहा है. शनिवार शाम तक, शहरी या सेमी शहरी क्षेत्रों में 506 फीडर बंद हो गए थे. इससे राज्य में लगभग 13 लाख परिवारों पर असर पड़ा. 


'बिजली की कमी नहीं'


ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा था कि हड़ताल के कारण कुछ इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन यूनिट बंद हो गई हैं. लेकिन राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है. बिजली संघ की हड़ताल नाकाम रही. मंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों से हड़ताल में भाग लेने के बजाय अपने परिवार के बारे में सोचने और काम पर लौटने की अपील की है.


शर्मा ने कहा था, हम कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को बर्खास्त करने में संकोच नहीं करेंगे. सरकार ने आउटसोर्सिंग फर्मों को राज्य भर के आईटीआई से नए काबिल उम्मीदवारों की एक लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है.


वीकेएसएसएस के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा था, अगर बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो हम 72 घंटे की हड़ताल को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा देंगे. हम ग्राहकों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगते हैं, लेकिन यह सरकार की गलती है क्योंकि हमने उन्हें हड़ताल के बारे में महीने भर पहले बताया था, फिर भी सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रही.


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