UP Legislative Council Election: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में खंड स्‍नातक और खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की 5 सीटों पर आज (30 जनवरी) को मतदान हो रहा है.  सुबह 8 बजे से शाम चार बजे तक मतदान डाले जाएंगे. स्‍नातक क्षेत्र के लिए 3 और शिक्षा क्षेत्र की 2 सीटों के लिए कुल 75 प्रत्‍याशियों ने नामांकन किया था. इनमें से 7 प्रत्याशी का पर्चा निरस्‍त कर दिया गया. वहीं, 5 लोगों ने अपना नाम वापस ले लिया है. इसके बाद 63 प्रत्‍याशी चुनाव मैदान में हैं.


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विधान परिषद के चुनाव के बारे में आम लोगो को कम जानकारी होती है. आज हम आपको विधान परिषद की चुनाव प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी देंगे: -


विधान परिषद के बारे में जरूरी बातें:-


-देश के 6 राज्यों में - बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना- में विधानसभा के साथ-साथ विधानपरिषद की भी व्यवस्था है.


-विधान परिषद में विधानसभा का एक तिहाई सदस्य हो सकते हैं.


-यूपी में विधानसभा की 403 सीटे हैं तो यहां अधिकतम विधान परिषद के 134 सदस्य हो सकते हैं.


-विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्यों का होना जरूरी है. 


-विधानपरिषद स्थाई सदन होता है यानी इसे भंग नहीं किया जाता सकता है.


-विधान परिषद के सदस्यों को एमएलसी यानी मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव काउंसिल कहा जाता है. इनका औहदा एमएलए (विधायक) के बराबर ही होता है.


विधान परिषद के लिए चुनाव प्रक्रिया


-विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल छह साल के लिए होता है।


-चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 30 साल उम्र होनी चाहिए।


-एक तिहाई सदस्यों को विधायक चुनते हैं। इसके अलावा एक तिहाई सदस्यों को नगर निगम, नगरपालिका, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य चुनते हैं।


-1/12 सदस्यों को शिक्षक और 1/12 सदस्यों को रजिस्टर्ड ग्रैजुएट चुनते हैं।


-बाकी के सदस्यों को राज्यपाल नॉमिनेट करते हैं।


यूपी कैसे चुने जाते हैं 100 विधान परिषद सदस्य


-यूपी के 100 विधान परिषद सदस्यों में से 38 सदस्यों के चुनाव में विधायक हिस्सा लेते हैं.


-36 सदस्य जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और नगर पालिक के प्रतिनिधि द्वारा चुने जाते हैं.


-8-8 शिक्षक और रजिस्टर्ड ग्रेजुएट चुनते हैं


-10 सदस्यों को राज्यपाल मनोनित करता है. 


बिना पार्टी सिंह के चुनाव


-विधान परिषद के चुनाव में पार्टी सिंबल नहीं होता है.


-उम्मीदवारों का नाम लिखा होता है. जिसके आगे अपनी प्राथमिकता लिखनी होती है.


-जिस उम्मीदवार के आगे सबसे अधिक प्राथमिकता मिलती है वो चुनाव जीत जाता है. 


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