Bijli ki Chori: क्या आपको पता है उत्तर प्रदेश का संभल देश का नंबर वन बिजली चोर जिला बन गया है. जहां बिजली चोरी और बिजली के बकाया भुगतान को लेकर हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है.


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बिजली विभाग के मुताबिक संभल शहर के बिजली उपभोक्ताओं पर बिजला का 123 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है. और हैरान कर देने वाली बात ये है कि संभल शहर में बिजली चोर हर महीने 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली चोरी कर रहे हैं.


इस लिहाज से संभल देश का सबसे बड़ा बिजली चोर जिला है. लेकिन आखिर संभल ने ये उपलब्धि कैसे हासिल की. संभल के बिजली चोरों ने कौन-कौन से जुगाड़ लगाए हुए हैं और कैसे संभल में बिजली चोरी का संगठित उद्योग चल रहा है. चलिए जानते हैं.



सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें गवाही दे रही हैं कि उत्तर प्रदेश का जिला संभल को देश के नंबर वन बिजली चोर जिला का खिताब क्यों मिला है. समाजवादी पार्टी के बड़े नेता के दफ्तर में घुसते ही बिजली चोरी के साक्षात सबूत दिख गए. छत पर तो बिजली चोरी का पूरा नेटवर्क ही बिछा हुआ था. जब नेता ही बिजली चोरी कर रहे हों तो आम जनता को क्या डर. पूरे संभल में बिजली चोरी का खुल्ला खेल चल रहा है.


बिजली विभाग अब एक्शन में


संभल में बिजली विभाग की टीमें गली-गली जाकर बिजली चोरों की पहचान कर रही हैं. बिजली विभाग के लाइनमैन खंभों पर चढ़कर बिजली चोरों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.


संभल में बिजली चोरी अब इतना कॉमन हो चुका है कि बिजली विभाग के दफ्तर में कटिया तारों का जमघट लग चुका है. संभल के बिजली दफ्तर में कबाड़ बनकर पड़े ये तार बिजली चोरी के टूल बने हुए थे.


संभल अगर देश का नंबर वन बिजली चोर जिला बना है तो ये सिर्फ चंद दिनों में तो हुआ नहीं होगा. हर महीने 11 करोड़ रुपये की बिजली चोरी हो रही हो और बिजली विभाग को अब जाकर खबर लगी हो क्या ये संभव है?


एक शख्स ने कहा, 'मेरा मानना तो ये है सर, हर कर्मचारी को पता है बिजली चोरी हो रही है या नहीं हो रही है. मेरा मानना ये है कि बिजली चोरी हो रही है. हर विभाग को पता है. यहां के विभाग वाले ही चोरी करवाएंगे.आम आदमी चोरी नहीं कर सकता.


जाहिर है लोग खुद तो बोलेंगे नहीं कि वो बिजली चोर हैं. लेकिन लोग ये आरोप लगा रहे हैं कि बिजली विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से ही संभल में बिजली चोरी अब उद्योग बन चुका है. लेकिन अब संभल का बिजली विभाग बिजली चोरों की बत्ती गुल करने में जुट चुका है.


क्या बोले अधिकारी?


संभल के  विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार ने कहा, 'संभल टाउन में 123 करोड़ का बकाया है. पूरे खंड में विद्युत चोरी संगठित रूप से की जा रही थी. विद्युत चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर भी लगा रहे है, जिससे चोरी को रोका जा सके.'


संभल में बिजली चोरी के सबूत किसी से छिपे नहीं हैं. खंभों से होकर घरों में जाते तार सभी को दिख रहे हैं लेकिन सवाल ये है कि बिजली विभाग को ये तार अभी ही क्यों दिखने लगे हैं ? पहले क्यों नहीं दिख रहे थे?


संभल से सुनील सिंह  के साथ नीरज गौड़, ज़ी न्यूज़