लखनऊ: UP के धर्मान्तरण मामले (Religious Conversion) में मौलाना उमर गौतम और जहांगीर से पूछताछ के बाद UP- ATS की टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए तीनों आरोपियों के नाम मुन्नू यादव उर्फ अब्दुल मुन्नान, राहुल भोला ओर इरफान हैं. 


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सूत्रों के मुताबिक गुरुग्राम निवासी मुन्नू यादव उर्फ अब्दुल मुन्नान मूक बधिर है. इसके परिवार ने मौलाना उमर गौतम पर धर्मांतरण का आरोप लगाया था.


21 जून को हुआ था रैकेट का खुलासा


बताते चलें कि यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार ने 21 जून को देश में बड़े पैमाने पर चल रहे धर्मांतरण (Religious Conversion) के रैकेट का खुलासा किया था. एडीजी ने कहा था कि 2 जून को डासना के एक मंदिर में दो लोगों ने अवैध रूप से घुसने की कोशिश की थी. जिसे वहां के लोगों ने पकड़ लिया. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम विपुल विजयवर्गीय और काशिफ बताया.


जांच में पता चला कि वे दोनों सुनियोजित तरीके से देश में एक खास मजहब में लोगों को कन्वर्ट कराने के रैकेट से जुड़े हैं. ऐसा करने के लिए वे लोगों को लालच और आश्वासन देकर बहकाते हैं. इस काम के लिए उन्हें देश-विदेश से करोड़ों रुपये का फंड भी मिल रहा है. 


ऐसे खुली साजिश की पोल


पुलिस की पूछताछ में पता चला कि वे लोग अब तक देश में करीब हजार से ज्यादा लोगों को लालच और धमकी कर उनका मजहब बदलवा (Religious Conversion) चुके हैं. इसके पीछे दिल्ली के जामिया नगर का रहने वाला उमर गौतम धर्म सरगना है. उसने खुद भी अपना मजहब  परिवर्तन किया था और और उसके बाद दूसरे लोगों को कन्वर्ट कराने में जुट गया.


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मूक-बधिरों का भी बदलवाया मजहब


UP ATS की जांच में यह भी सामने आया कि नोएडा (Noida) में नोएडा डेफ सोसायटी (Noida Deaf Society) के करीब 18 मूक-बधिरों को भी इस रैकेट ने दूसरे मजहब में कन्वर्ट कराया. पड़ताल में पता चला कि कन्वर्जन के इस काम को सोसायटी में पढ़ाने वाले एक टीचर ने ही अंजाम दिया. उसने वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को साइन लैंग्वेज की ट्रेनिंग देने के बहाने अपने जाल में फांसा और फिर उन्हें लालच-धमकी देकर धर्मांतरण करवा दिया. 


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