लखनऊ/मुजफ्फरनगर : पुलिस की दो राइफल लूटने के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्ति खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) से जुड़े हैं और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को मारने की साजिश रच रहे थे. पुलिस ने यह जानकारी दी. उत्तर प्रदेश के शामली जिले के थाना झिंझाना में गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्तियों के पास से पुलिस से लूटी सरकारी इन्सास रायफल, 303 बोर रायफल एवं अवैध शस्त्र बरामद किए गए हैं.


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अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) प्रशांत कुमार ने शामली जिले में सोमवार को पत्रकारों को बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने राइफलें इसलिए लूटी क्योंकि वे बादल को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों के गिरोह के दो सदस्य अभी फरार हैं.


कुमार ने कहा कि केएलएफ से आरोपियों का जुड़ाव सामने आने के बाद पंजाब और उत्तर प्रदेश की पुलिस को सतर्क कर दिया गया था. इस मामले में आगे की जांच आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को सौंप दी गई है. 


बीते दो अक्टूबर को शामली जिले की कमलपुर पुलिस जांच चौकी में घुसकर हथियारबंद लोगों ने पुलिसकर्मियों से दो राइफलें छीन ली थी. हमले में दोनों पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे. बाद में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और एक गुरुद्वारे से राइफलें बरामद की गईं. 


रविवार रात को हुई मुठभेड़ के बाद अमृत सिंह, गुरजन और करण सिंह नाम के आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम के लिए राज्य सरकार ने 50,000 रुपए का इनाम घोषित किया है. पुलिस महानिदेशक कार्यालय से सोमवार को जारी एक बयान के मुताबिक 14/15 अक्टूबर की मध्य रात्रि थाना झिझाना और क्राइम ब्रान्च की टीम ने सूचना के आधार पर ग्राम रंगना रोड़ के जंगल में बदमाशों की घेराबंदी की. घेराबंदी के दौरान बदमाशों ने पुलिस टीम पर गोलीबारी की, जिसमें उपनिरीक्षक अजय कशाना और उपनिरीक्षक सत्यपाल सिंह एवं आरक्षी जगदीश पुनिया घायल हो गए.


पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अमृत सिंह, गुरजन और करण सिंह घायल हो गए. उनके पास से सरकारी रायफल इन्सास, 15 कारतूस, एक रायफल 303 बोर, तीन कारतूस, एक पिस्तौल .30 बोर, 3 कारतूस और एक मोटरसाईकिल बरामद हुई. सभी घायलों को उपचार हेतु अस्पताल भेजा गया.


पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 303 बोर रायफल और इन्सास रायफल दो अक्टूबर को कमलापुर चेकपोस्ट से एक मुख्य आरक्षी और होमगार्ड को गोली मारकर लूटी गई थी. आरोपियों ने यह भी बताया कि इन असलहों का प्रयोग पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री बादल की होने वाली रैली में प्रयोग कर अफरातफारी का माहौल पैदा करना और किसी राजनेता को निशाना बनाने में करना था. उन्होंने यह भी बताया कि उनके फरार साथी जर्मन के पास बड़ी संख्या में हथियार हैं जो पंजाब के रोपड़ के पास छिपाकर रखे गए हैं.