मेरठ/रामपुर/मुजफ्फरनगर/लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन किए गए थे. इन प्रदर्शनों में करीब 18 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी. वहीं, अब इस मामले में पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. मेरठ में सीएए के विरोध में हुए हिंसक बवाल के बाद मेरठ के डीएम अनिल ढींगरा ने शस्त्र लाइसेंस के रिन्यूवल पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है.


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बताया जा रहा है कि लिसाड़ी गेट इलाके के 400 शस्त्र लाइसेंस के रिन्यूवल पर रोक लगी है. आशंका जताई जा रही है कि हिंसक बवाल के दौरान लाइसेंसी हथियार का प्रयोग किया गया था. वहीं, प्रशासन शस्त्र लाइसेंस धारकों से हर एक गोली का हिसाब मांग रहा है. साथ ही वीडियो और तस्वीरों के आधार पर लोगों को चिन्हित किया जा रहा है.


वहीं, रामपुर में हिंसक उपद्रव के दौरान हुए नुकसान की वसूली के लिए प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी किए हैं. बताया जा रहा है कि प्रशासन ने हिंसक प्रदर्शन के दौरान 14 लाख 86 हजार 500 रुपये के प्रत्यक्ष नुकसान का आंकलन किया गया है. इसके साथ ही करोड़ों के अप्रत्यक्ष नुकसान का भी आंकलन किया गया है. बताया जा रहा है कि 28 लोगों से इसकी वसूली की जाएगी. साथ ही 4 विभागों को इसे सत्यापित करने की भी जिम्मेदारी भी दी गई है. नगर पालिका, पीडब्ल्यूडी, परिवहन और पुलिस विभाग को 7 दिन में सत्यापन करने के लिए नोटिस जारी किया गया है.


मुजफ्फरनगर में सीएए के विरोध में उग्र और हिंसक प्रदर्शन करने वाले दंगाईयों को चिन्हित किया जा रहा है. वहीं, चिन्हित किए जा चुके दंगाईयों की दुकानों को जिला प्रशासन द्वारा सील किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि प्रशासन ने अबतक 47 दुकानों को सील किया है. वहीं, राजधानी लखनऊ में भी आरोपित उपद्रवियों को नोटिस जारी किया गया है. लखनऊ में जिला प्रसाशन ने 82 लोगो को नोटिस जारी किया है. बलवे में हुई संपति नुकसान के लिए नोटिस जारी किया गया है. वसूली का नोटिस जारी कर बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.


 लखनऊ में सीसीटीवी फुटेज और वीडियो ग्राफी में पहचान के बाद सभी लोगों को वसूली का नोटिस जारी किया गया है. हालांकि, वसूली के लिए प्रसाशन ने कुछ समय दिया. ये नोटिस राजनीतिक दलों और संगठन से जुड़े हुए लोगों को भेजे गए हैं.