अयोध्या: 70 साल बाद रामलला को लगाया गया 56 भोग, ये व्यंजन थे शामिल
सत्येंद्र दास ने बताया कि नये साल पर पहली बार रामलला को छप्पन भोग लगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि छप्पन भोग के साथ ही रामलला को आज नए वस्त्र प्रदान किए जाएंगे.
अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम जन्मभूमि मामले में रामलला के पक्ष में फैसला देने के बाद आज 70 वर्षों के बाद पहली बार रामलला को छप्पन भोग (Chhappan Bhog) का प्रसाद अर्पित किया गया. 70 वर्षों के बाद यह पहला मौका है, जब नये साल के पहले दिन अयोध्या में रामलला को छप्पन भोग लगाया गया हो. धार्मिक नगरी अयोध्या में नये साल के उपलक्ष्य में रामलला को 56 भोग अर्पित किया गया. बता दें कि रामलला को इससे पहले केवल अन्नकूट पर ही छप्पन भोग लगाया जाता था. पुराणों के अनुसार, भगवान दीपावली के दिन अयोध्या वापस आए थे. भगवान राम के आगमन के दूसरे दिन अयोध्यावासियों ने उन्हें छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया था. ये परंपरा तब से ही चली आ रही है.
वहीं, रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि नव वर्ष 2020 के पहले दिन अयोध्या में मंदिरों में भक्तों की खूब भीड़ है. उन्होंने बताया कि आज नव वर्ष के पहले दिन रामलला को छप्पन भोग लगाया जा रहा है. आज दोपहर 12 बजे रामलला को छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा. यह भोग भक्त मनीष द्वारा श्री रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को दिया गया है. आचार्य सत्येंद्र रामलला को 56 प्रकार की मिठाइयों और फलों से भोग लगाएंगे. उन्होंने बताया कि हालांकि प्रतिवर्ष रामलला को अन्नकूट के दिन 56 प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं.
सत्येंद्र दास ने बताया कि नये साल पर पहली बार रामलला को छप्पन भोग लगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि छप्पन भोग के साथ ही रामलला को आज नए वस्त्र प्रदान किए जाएंगे. बता दें कि मान्यताओं के अनुसार, भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाने का बड़ा माहतम्य है. भगवान को इस दौरान भोग के लिए 56 प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं, जिसे छप्पन भोग कहा जाता है.
छप्पन भोग में लगाए जाने वाले व्यंजन
भक्त (भात)
सूप (दाल)
प्रलेह (चटनी)
सदिका (कढ़ी)
दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी)
सिखरिणी (सिखरन)
अवलेह (शरबत)
बालका (बाटी)
इक्षु खेरिणी (मुरब्बा)
त्रिकोण (शर्करा युक्त)
बटक (बड़ा)
मधु शीर्षक (मठरी)
फेणिका (फेनी)
परिष्टश्च (पूरी)
शतपत्र (खजला)
सधिद्रक (घेवर)
चक्राम (मालपुआ)
चिल्डिका (चोला)
सुधाकुंडलिका (जलेबी)
धृतपूर (मेसू)
वायुपूर (रसगुल्ला)
चन्द्रकला (पगी हुई)
दधि (महारायता)
स्थूली (थूली)
कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी)
खंड मंडल (खुरमा)
गोधूम (दलिया)
परिखा
सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त)
दधिरूप (बिलसारू)
मोदक (लड्डू)
शाक (साग)
सौधान (अधानौ अचार)
मंडका (मोठ)
पायस (खीर)
दधि (दही)
गोघृत (गाय का घी)
हैयंगपीनम (मक्खन)
मंडूरी (मलाई)
कूपिका (रबड़ी)
पर्पट (पापड़)
शक्तिका (सीरा)
लसिका (लस्सी)
सुवत
संघाय (मोहन)
सुफला (सुपारी)
सिता (इलायची)
फल
तांबूल
मोहन भोग
लवण
कषाय
मधुर
तिक्त
कटु
अम्ल
(इनपुट-मनमीत गुप्ता)