रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात बाबा केदार के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद केदारनाथ धाम में विधि- विधान से 11 आरतियां भी शुरू हो गई हैं. साथ ही केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग भी धाम पहुंच गए हैं. महाराष्ट्र से आने से बाद रावल ऊखीमठ आवास पर क्वॉरन्टीन थे. 14 दिनों के होम क्वारन्टीन के बाद वे धाम पहुंचे.


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बता दें कि भैरवनाथ के कपाट मंगलवार या फिर शनिवार को ही खोले जाते हैं. जिसके बाद ही केदारनाथ धाम में होने वाली 11 आरती भी शुरू होती हैं. इस बार 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए. जबकि 2 मई यानी शनिवार सुबह विधि-विधान से भगवान भैरवनाथ के कपाट खोले गये और रात के समय आरती की गई.


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मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि भगवान भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद केदारनाथ की आरती भी शुरू हो गई हैं. यह परम्परा वर्षों से चली आ रही है जिसका निर्वहन किया गया. उन्होंने बताया कि भगवान केदारनाथ से देश में फैल रहे कोरोना महामारी से निजात दिलाने को लेकर प्रार्थना की गई.


मान्यता है कि जब तक भैरवनाथ के कपाट नहीं खुलते तब तक केदारनाथ की आरतियां भी नहीं होती हैं. भैरवनाथ को केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक के रूप में पूजा जाता है. भैरवनाथ का मंदिर केदारनाथ से तीन किमी दूर स्थित है. हर साल लाखों श्रद्धालु भैरवनाथ के दर्शन करते हैं. भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद अब नित्य सुबह और शाम को केदारनाथ की 11 आरतियां की जाएंगी.