आगरा: उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के आगरा (Agra) के डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (Dr. Bhimrao Ambedkar University) की बीएड सत्र 2005 की फर्जी मा‌र्कशीट मामले में बेसिक शिक्षा विभाग ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की. इस मामले में चिन्हित 171 में से 168 शिक्षकों को विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. शिक्षकों को रजिस्टर्ड डाक से सेवा समाप्ति का पत्र भेज दिया गया है.


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 168 और परिषदीय शिक्षकों की सेवा समाप्त
ताजनगरी आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 का फर्जी प्रमाणपत्र लगाने वाले जिले के 168 और परिषदीय शिक्षकों (Teachers) की सेवा समाप्त कर दी गई है. जिले में एसआईटी (SIT) की सूची के आधार पर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जी और टेंपर्ड प्रमाणपत्र (Tempered certificate) लगाने वाले कुल 249 शिक्षक चिह्नित किए गए थे. इनमें से 195 शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्र और 54 टेंपर्ड प्रमाणपत्र वाले थे. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 7 फरवरी, 2020 को 2823 अभ्यर्थियों को फर्जी घोषित किया गया था.


बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से चिह्नित शिक्षकों के नामों का मिलान किया गया
विश्वविद्यालय की सूची से बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से चिह्नित शिक्षकों के नामों का मिलान किया गया.  24  टीचरों के नाम दोनों लिस्ट में पाए गए, इनकी 12 मई, 2020 में इनकी सेवा समाप्त कर दी गई. उनके खिलाफ एक जुलाई, 2020 को शाहगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज करा दी गई थी. जिले के 171 शिक्षक बचे थे, इनका नाम 2823 फर्जी घोषित अभ्यर्थियों की सूची में नहीं था. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना पक्ष रखने वाले 814 अभ्यर्थियों में से दो को छोड़कर बाकी 812 को 29 जुलाई को फर्जी घोषित कर दिया था. 26 फरवरी, 2021 को जारी हाईकोर्ट के आदेश के साथ विश्वविद्यालय की ओर से दूसरे चरण में फर्जी घोषित किए गए 812 अभ्यर्थियों की सूची भी संलग्न थी. इस लिस्ट से मिलान करने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 168 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी. 


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पहले भी 24 टीचरों पर हो चुका है मुकद्मा
इससे पहले विभाग 24 शिक्षकों को इसी मामले में बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज करा चुका है. बता दें कि विशेष जांच दल (एसआइटी) ने जिले के 249 शिक्षकों को चिन्हित कर सूची विभाग को सौंपी थ. इनमें से 195 शिक्षक फर्जी डिग्री और मा‌र्क्सशीट से, जबकि 54 शिक्षक टेंपर मा‌र्क्सशीट और डिग्री से परिषदीय विद्यालयों में नौकरी पाने वाले थे. 195 में से 24 के शिक्षकों पर कार्रवाई होने के बाद 171 शेष थे, जिनमें से विभाग ने 168 को गुरुवार को बर्खास्त कर दिया.


विश्वविद्यालय की ओर से दिसंबर 2019 में फर्जी प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थियों की सूची जारी कर उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया. इस पर अपना पक्ष रखने वाले 814 अभ्यर्थियों को छोड़कर बाकी 2823 को सात फरवरी 2020 को ही फर्जी घोषित कर दिया गया था.


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