Agra news: ताज नगरी के नाम से पूरे दुनिया में मशहूर आगरा ताजमहल के लिए सारे जहां में जाना जाता है. दूर -दूर से लोग ताज के दीदार के लिए आते है, और आए क्यो न ताजमहल की सुंदरता हर किसी को आगरा खीच लाती है. पर ये शिलशिला ज्यादा दिन का नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि ताजमहल से सट बह रही यमुना नदी में गंदगी के कारण गोल्डीकाइरोनोमस कीट पैदा हो रहा है, जो ताजमहल को नुकसान पहुंचा रहा है. यमुना नदी की गंदगी से न‍िकले इस कीड़े की वजह से ताजमहल के शाहजहां व मुमताज की कब्रों वाले कक्ष की पच्चीकारी बदरंग हो गई है. 


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ताज की छवि हो रही खराब
इससे स्मारक की छवि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के सामने खराब हो रही है. ताजमहल की उत्तरी दीवार पर चमेली फर्श के ऊपर कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी के दाग वर्ष 2015 में सबसे पहले नजर आए थे. इसके बाद एएसआइ की रसायन शाखा ने सेंट जोंस कालेज के विशेषज्ञों के साथ मिलकर कीड़े पर शोध किया था.


गोल्डीकाइरोनोमस कीट
कीड़े की पहचान गोल्डीकाइरोनोमस के रूप में हुई थी. वर्ष 2020 के कोरोना काल को छोड़ दें तो तब से प्रतिवर्ष कीड़े द्वारा की जाने वाली गंदगी का सामना ताजमहल को करना पड़ रहा है. पिछले दिनों स्मारक की उत्तरी दीवार और वहां हो रही पच्चीकारी पर कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी के दागों को देखा गया था. रसायन शाखा ने इन्हें धोकर साफ करवा दिया था.


एएसआइ की रिसर्च
एएसआइ की रसायन शाखा ने अपनी रिसर्च में ताजमहल की इस दशा के लिए यमुना की गंदगी को जिम्मेदार माना है. और कहा है कि यमुना की गंदगी में पला और बढ़ा गोल्डीकाइरोनोमस ताजमहल की ओर आकर्षित होकर उसकी दीवारों पर बैठता है. इस वजह से ताजमहल की ये दुर्दशा हुई है.  


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