कन्हैया शर्मा/मथुरा: यूपी एटीएस द्वारा मथुरा में पकड़े गए 31 रोहिंग्या के मामले में उनके ही साथ रहने वाली एक महिला ने चौकाने वाला खुलासा किया है. महिला ने बताया कि करीब 12 साल पहले वह लोग एक एजेंट के जरिये बॉर्डर क्रॉस करके आये थे,जिसकी एवज में उन्होंने पैसे भी दिए. इतना ही नहीं इस महिला ने जी मीडिया से खास बातचीत करते हुए बताया कि जिस एजेंट ने उन्हें बॉर्डर पार कराकर हिंदुस्तान भेजा था, वह एटीएस के कब्जे में आ चुका है और जेल में बंद है.


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जब अन्य महिलाओं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास एक कार्ड है जो उन्हें हिंदुस्तान आने पर दिया गया था और उनसे कहा गया था कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन बावजूद उसके एटीएस ने यहां रहने वाले सभी पुरुषों को गिरफ्तार करके ले गई है. इस मामले में सबसे बड़ा फेलियर लोकल इंटेलिजेंस और पुलिस का है, जिसको 12 साल से मथुरा में रह रहे रोहिंग्या ओं के बारे में अभी तक कोई भी जानकारी नहीं लगी.


एटीएस के छापामार कार्रवाई के बाद मथुरा के जिला प्रशासन और पुलिस को पता लगा की मथुरा में भी अवैध तौर पर घुसपैठ कर के रहने वाले लोग यहां पर डेरा जमाए हुए हैं. नोएडा, लखनऊ की एटीएस टीम ने मथुरा की पुलिस को साथ लेकर जहां यह कार्रवाई की, वहीं मथुरा की पुलिस खुद अपनी पीठ थपथपाने में लगी है.


जी मीडिया की टीम ने जब मौके पर जाकर देखा तो वहां पर स्कूल के साथ बच्चों को अरबी का ज्ञान देने के लिए अलग से पाठशाला चलाई जा रही थी. साथ ही नमाज के लिए एक अलग से स्थान बनाया गया था. इतना ही नहीं इस एरिया में विद्युत सप्लाई और अन्य सुविधाएं भी मुहैया थीं. कबाड़ा इकट्ठा कर कर जीवन यापन करने का दावा करने वाले यह लोग यहां जमीन किराए पर लेकर काफी वर्षों से रह रहे हैं. कुछ बाकायदा दुकान चला रही हैं तो कुछ अन्य कामों में लगी हुई हैं, लेकिन इसकी सुध ना तो स्थानीय पुलिस को थी ना प्रशासन को.


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