मथुरा: दीपावली के बाद तीर्थनगरी मथुरा के वृंदावन स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के समय और भोग राग सेवा में परिवर्तन किया जाएगा. अब ठाकुरजी को भोग में गरिष्ठ पदार्थ अर्पित होंगे. दर्शन के समय सारणी की बात करें तो ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दिवाली के बाद नये समय पर भक्त भगवान के दर्शन करेंगे. भोग और समय में किए जा रहे बदलावों के बाद ठाकुरजी के पोशाक में बदलाव व फूलों से भी परहेज किया जाएगा जिससे कि ठंड के मौसम में फूलों के पानी का प्रभाव ठाकुरजी पर न हो. दीपावली के बाद पड़ने वाले भाई दूज को ठाकुर जी के समय में परिवर्तन किया जाएगा. अब हल्के गर्म कपड़े की पोशाक ठाकुर जी को दीपावली के बाद धारण करवाए जाएंगे.  


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भोग के बारे में 
ठंडाई की जगह केसरयुक्त गर्म दूध भोग के रूप में ठाकुरजी को अर्पित किए जाएंगे. सर्दी से बचाव के लिए ठाकुरजी को अब फूलों की माला न अर्पित कर मोतियों का हार चढ़ाया जाएगा. ठाकुरजी को फूलों से अब दूर ही रखा जाएगा. मंदिर में भी फूलों की सजावट नहीं होगी और उत्सवों पर कपड़ों या गुब्बारों से मंदिर को सजाया जाएगा. 


बदले हुए समय के बारे में
बदले हुए समय पर ध्यान दें तो दिवाली की द्वीज तिथि 15 नवंबर से बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का समय लागू किया जाएगा. शीत कालीन समय के मुताबिक बांके बिहारी के पट को सुबह के समय 8.45 बजे खोले जाएंगे. दोपहर एक बजे पट को बंद किया जाएगा. इसके बाद सुबह के 8.55 बजे शृंगार आरती की जाएगी और दोपहर के 12.55 बजे राजभोग आरती  होगी. मंदिर के पट सुबह एक घंटे देर से खोले जाएंगे. शाम के समय एक घंटे पहले ही मंदिर के पट को बंद किया जाएगा. शीत कालीन शाम के मुताबिक पट को 4.30 बजे खोलकर  रात 8.30 मिनट पर बंद किया जाएगा. शयन आरती 8.25 मिनट की जाएगी और भक्त इसी समय सारिणी के तहत आराध्य के दर्शन कर पाएंगे.


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