कन्हैया लाल शर्मा/मथुरा:  उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार कड़े रुख अपना रही है. प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने के लिए ऑपरेशन जागृति का शुभारंभ किया है. महिलाओं के हक और अधिकारों के लिए मिशन शक्ति के बाद यह दूसरा कदम सरकार द्वारा उठाया गया है. आपको बता दें कि यूपी के मथुरा में महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा और उनके अधिकार दिलाने के लिए एवं उन्हें जागरुक करने के लिए ये अभियान चलाया गया है. एडीजी जोन आगरा अनुपम कुलश्रेष्ठ ने इस अभियान का शुभारंभ किया है.


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ऑपरेशन जाग्रति का उद्देश्य...
ऑपरेशन जाग्रति का मुख्य उद्देश्य महिलाओं,बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना तो है ही है ,साथ ही खास तौर पर महिलाओं के साथ होने वाले,उत्पीड़न ,शोषण का असर सामाजिक स्तर पड़ने के साथ ही महिलाओं ,बालिकाओं के मानसिक स्तर पर पड़ने वाले असर के प्रति जागरूकता फैलाना है. इसके साथ ही ऑपरेशन जाग्रति के बैनर तले पुलिस , ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी समाज तक यह जागरूकता फैलाने का प्रयास करेगी.  अपने व्यक्तिगत विवाद में महिलाओ, बालिकाओं द्वारा दर्ज कराने वाले फर्जी मुकदमों  का असर समाज के साथ महिलाओ ,बालिकाओं पर पड़ता है, जिससे उन्हें बचना चाहिए. साथ ही बालिकाओं को साईबर क्राइम के प्रति जागरुक किया जाएगा,जिससे महिलाएं,बालिकाओं को इस अपराध से बचाया जा सके.


आपरेशन जागृति
महिला एवं बालिकाओं सम्बंधी अपराध की घटनाएं जोन स्तर पर विभिन्न माध्यम से जनसुनवाई में प्राप्त शिकायती प्रार्थना-पत्र एवं दैनिक अपराध आख्या से देखने को मिलती है. जहां एक ओर यह स्थिति महिलाओं एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को समझौता करती हैं. पारिवारिक विवाद / पारस्परिक भूमि विवाद का यथोचित समाधान नहीं दिखने पर अपराधिक घटनाओं में महिला संबंधी अपराधों को जोड़ने की प्रवृत्ति भी सामाजिक रूप से देखने को मिल रही है. संक्षेप में कई अन्य प्रकरणों में ऐसी घटनायें दर्ज करा दी जाती है, जिनको बाद महिला एवं बालिकाओं संबन्धी अपराधों की श्रेणी में परिवर्तित कर दिया जाता है, जबकि मूलतः यह पारिवारिक और भूमिविवाद संबन्धी होती है.


महिलाओं के विरुद्ध अपराध 
दूसरी ओर, वास्तविक रूप से महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध जो अपराध होते हैं, उनमें बलात्कार, शीलभंग जैसे संगीन मामलों में प्रताड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं की मनोस्थिति काफी हद तक प्रभावित होती है और पीडिता के जीवन में उस घटना का ट्रॉमा और भय सदैव के लिए बस जाता है. उक्त मानसिक आघात से उभरने के लिए पीड़िता को मनोवैज्ञानिक परामर्श की भी आवश्यकता होती है.


कम उम्र में लव अफेयर
एक अन्य प्रकार का ट्रेंड, जो सामने आ रहा है, उसमें नाबालिग उम्र में बालिकाएं लव अफेयर, Elopement, Live in relation Ship जैसे सेनेरियो में फँस जाती हैं और किन्ही कारणों से उनको समझौता करना पड़ता है। कई बार बालिकाएं अपनी सहमति से भी बिना सोचे समझे चली जाती है. साथ ही साथ बदनामी के भय से ऐसा संत्रास झेलना पड़ता है, जिसके कारण वह ऐसी स्थिति से निकलने में अपने आपको अक्षम महसूस करती हैं. परिवार में आपसी संवादहीनता और अभिभावकों से डर के कारण बालिकाएं अपनी बात कह नहीं पाती है. 


तकनीक के दुरुपयोग के चलते महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति साइबर बुलिंग के मामले भी सामने आ रहे हैं. इन सभी परिस्थितियों में सामाजिक जागरूकता, संवाद शिक्षा और परामर्श (counselling/support) की बेहद आवश्यकता है ताकि महिलाएं एवं बालिकाएं इस प्रकार के षडयंत्रों का शिकार न बने, भावनाओं में बहकर अपना जीवन बर्वाद न करें और उन्हें मौहरा बनाकर जमीनी विवादों का समझौता (settlement) न किया जाये. यदि वास्तव में उनके साथ किसी प्रकार का अपराध घटित होता है तो वह सच बोलने की हिम्मत रख पाएं और विधिक कार्यवाही के साथ-साथ उनकों counseling/support और rehabilitation का मौका मिल सके.


महिलाओं की काउंसलिंग
इन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आगरा जोन स्तर पर सभी जनपदों (मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ, एटा, हाथरस व कासगंज) में ऑपरेशन जागृति कार्यक्रम की कल्पना की गयी है. इस अभियान में आगरा एवं अलीगढ मण्डल के सभी जनपदों के शहर से गांव स्तर तक निम्नांकित stakeholders के आपसी समन्वय से ऑपरेशन जागृति कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है.


इसमें शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन0आर0एल0एम0) महिला एवं बाल विकास, बाल विकास एवं पुष्टाहार (आई०सी०डी०एस०). युवा एवं खेल विभाग, सकिय NGOs, मनोवैज्ञानिक / काउंसलर्स / UNICEF (चीफ कोर्डिनेटर), पुलिस विभाग उक्त कार्यक्रम हेतु UNICEF द्वारा आगरा जोन के दिशा निर्देशन में पूरी कार्ययोजना तैयार की गयी है. संबंधित विभागों की भूमिका को भी विस्तृत तौर पर परिभाषित किया गया है.


प्रथम चरण में तीन माह तक आपरेशन जागृति
प्रथम चरण में 03 माह तक आपरेशन जागृति को संचालित किया जाएगा. इसके तहत महिलाओं, बालक/बालिकायें एवं उनके अभिभावकों को मनोवैज्ञानिको काउंसलर्स द्वारा संवाद स्थापित किया जायेगा. तीन माह बाद Impact assessment का भी अध्ययन किया जायेगा. जनपद स्तर पर इसके नोडल अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक एवं जिला विकास अधिकारी होगें. ब्लॉक स्तर पर नोडल अधिकारी क्षेत्राधिकारी एवं BDO होंगे.  ग्राम पंचायत / थाना स्तर पर नोडल अधिकारी सम्बन्धित थाना प्रभारी एवं ADO पंचायत होगें जिनके द्वारा पचायतों के लेवल पर महिला बीट अधिकारी, सैल्फ हेल्प ग्रुप UNICEF एंव अन्य विभागो से समन्वय से धरातल पर उतारा जायेगा.


ऑपरेशन जागृति का शुभारंभ मथुरा से एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ ने दीप प्रज्वलन के साथ किया. इस मौके पर आगरा और अलीगढ़ मंडल के आईजी,डीआईजी, एसएसपी, डीएम सीडीओ के साथ पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और कॉलेज स्टूडेंट्स, एनजीओ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों से महिलाएं भी शामिल रहीं.