चारों तरफ से घिरे कथावाचक प्रदीप मिश्रा, संतों ने कहा-माफी मांगें वरना नहीं होने देंगे भारत में कथा
Pradeep Mishra Vs Premanand Maharaj: भगवान श्रीकृष्ण की प्रिया राधा रानी के बारे में कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा द्वारा विवादित टिप्पणी करने का मामला धार्मिक गलियारे में तूल पकड़ता जा रहा है. प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा में राधा रानी को लेकर एक टप्पणी की थी. जिसके बाद प्रेमानंद महाराज के साथ ही अन्य साधू-संतों का गुस्सा फूट गया है.
Pandit Pradeep Mishra: इन दिनों मध्यप्रदेश में स्थित सीहोर जिले वाले चर्चित पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधारानी के मायके और विवाह को लेकर बयान क्या दिया वह चर्चा में आ गए. दरअसल, उनकी बात को लेकर वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने कड़ी आपत्ति जताई और प्रदीप मिश्रा को खूब खरी-खोटी सुना दी. प्रेमानंद महाराज ने कहा "उसे कुछ अता-पता नहीं है, प्रदीप मिश्रा ने राधा को समझा ही नहीं है. प्रेमानंद महाराज के बाद अब अयोध्या के संत समाज, देवघर के पंडित-पुरोहित भी इस मामले में कूद पड़े हैं.
माफी मांगे प्रदीप मिश्रा-पीठाधीश्वर जगत गुरु परमहंस आचार्य
तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगत गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि जिस तरह कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने बयान दिया है उससे पूरा संत समाज आहत है. जगत गुरु परमहंस आचार्य ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 10 दिनों के अंदर प्रदीप मिश्रा देश के सभी साधु-संतों से माफी मांग लें वरना उनकी कथा भारत में नहीं होने देंगे.
राधा रानी बरसाने की थीं-राम मंदिर के मुख्य पुजारी
अयोध्या के संतों ने कथा वाचक प्रदीप मिश्रा के इस बयान की कड़ी निंदा की है. वहीं राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक राधा रानी बरसाने की थी. शास्त्रों में इसका वर्णन भी है सब लोग जानते हैं कि राधा रानी का घर बरसाने में था. भगवान कृष्ण और राधा का संबंध शाश्वत है.
प्रेमानंद के समर्थन में साधु-संत-आचार्य
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने प्रेमानंद जी महाराज की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि राधा रानी के विवाह का उल्लेख किसी भी पुराण में नहीं है राधा कृष्ण दो रूप हैं ही नहीं, बल्कि एक ही स्वरूप हैं. वहीं देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर के प्रसिद्ध तीर्थपुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने इस मामले में अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि ”हमें जिस-जिस पुराणों की जानकारी है, उनके अनुसार राधा रानी बरसाने की ही रहने वाली हैं. राधा ही कृष्ण प्रेम का स्वरूप मानी जाती हैं. उनके विवाह का उल्लेख कहीं नहीं मिलता.
कृष्ण के संग सिर्फ राधा का नाम-तीर्थपुरोहित जयदेव मिश्रा
तीर्थपुरोहित जयदेव मिश्रा का कहना है कि जब से हमने जन्म लिया, सिर्फ कृष्ण के संग राधा का नाम ही सुना है. राधा बरसाना में भगवान कृष्ण के साथ रासलीला करती थीं. प्रेम शब्द की उत्पत्ति ही राधा से हुई. हमलोग राधा-कृष्ण के नाम का जाप ही करते हैं.
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
दरअसल, मध्य प्रदेश के सीहोर निवासी कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान राधा रानी को लेकर कुछ टिप्पणी कर दी थी, जिसका विरोध वृंदावन के प्रेमानंद महाराज ने किया. वह पहली बार वह किसी कथावाचक पर इतना नाराज नजर आए. ये मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. अलग-अलग जगह के साधू संत अब इस मामले में कूद गए हैं.
क्या कहा था पंडित प्रदीप मिश्रा ने...
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान कहा कि राधाजी बरसाना नहीं, बल्कि रावल गांव की रहने वाली थीं. बरसाना में उनके पिता की कचहरी थी. वहां पर वे साल में एक बार जाती थी. उन्होंने यह भी कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की 16 हजार रानियों में राधा का नाम नहीं है. उनके पति में श्रीकृष्ण का नाम नहीं है. राधा जी के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद कुटिला थीं. छात्रा गांव में राधाजी की शादी हुई थी.
नाराज प्रेमानंद महाराज ने कहा...
प्रेमानंद महाराज ने प्रदीप मिश्रा की राधा जी के मायके को लेकर टिप्पणी पर कहा था कि चार श्लोक पढ़कर तुम खुद को कथावचक कहते हो तुम अभी राधा को जानते ही कितना हो. तुमने कितनी ग्रन्थ पढ़ी हैं. सिर्फ इस चापलूसी दुनिया को रिझा सकते हो. ये गलत अफवाह फैलाना बंद कर दो, नहीं तो किसी काम के नहीं रह जाओगे. राधा जी बहुत भोली हैं, लेकिन उनके सेवक काल हैं.
कथावाचक प्रदीप मिश्रा पर तमतमाए प्रेमानंद महाराज, राधा की जन्म स्थली पर भिड़े दो संत