Mathura news: हाईवे किनारे स्थित छाता और कोसी में संचालित ढाबों से राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के निर्देश पर राज्य बाल सरक्षण आयोग के सहयोग से मिशन मुक्ति फाउंडेशन एवं रेस्क्यू फाउंडेशन की टीमों ने जबरन देह व्यापार में उतारी गई आधा दर्जन बालिकाओं को मुक्त कराया है. टीम के मुताविक बरामद अधिकतर लडकियां नाबालिग हैं. बरामद सभी लडकियां बदहवास स्थिति में मिली. इस बड़ी कार्रवाई और सफलता से अन्य होटलों ओर ढाबों में खलबली मच गई. इस कार्यवाही में टीम ने पुलिस के सहयोग से आधा दर्जन से अधिक आरोपियो को पकडा है. जिनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. 


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घटनाक्रम के अनुसार राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग एवं उत्तर प्रदेश राज्य बाल सरक्षण आयोग की निगरानी में मिशन मुक्ति फाउंडेशन और रेस्क्यू फाउंडेशन की टीम ने हाईवे किनारे कोटवन बार्डर के समीप चौधरी ढाबे पर छापा मार कार्रवाई की. एक बालिका की तलाश करने पहुंची टीम को छाता तहसील क्षेत्र के कोतवाली छाता एवं कोसीकला थाना के अंतर्गत हाइवे स्थित दो ढाबों पर करीब पांच लडकियां मिली हैं. जिन्हें बरामद किया गया. जिनमें से चार बालिकाओं को नाबालिग बताया गया. 


दरअसल हुआ यूं कि झारखंड से एक 16वर्षीय किशोरी को कुछ लोग काम के बहाने दिल्ली ले आए थे. जिसके बाद से बालिका गायब थी. किसी तरह से उसने अपनी बैंगलोर में रह रही बहन से संपर्क कर अपनी आपबीती बताई. हालात को समझते हुए अपनी वहन को खोजते हुए दिल्ली पहुंची और चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी संस्कार आश्रम दिल्ली से संपर्क कर अपनी शिकायत रूप सुदेश विमल को दी. जहां लडकी द्वारा बहन को बताए चिन्हों के आधार पर यूपी बार्डर के होटल या ढाबों पर बालिका के होने शक जताया.


टीम के सदस्यों के अनुसार सूचना मिलते ही सीओ छाता गौरव त्रिपाठी को साथ लेकर कोटवन स्थित चौधरी ढाबा पर छापेमारी कार्रवाई करते हुए किशोरी सहित एक ओर नाबालिग बालिका को बरामद कर लिया. वही तीन लोगों को मौके से हिरासत में ले लिया. वहीं दूसरी कार्रवाई टीम ने कोतवाली छाता के समीप एक ढाबे पर की. जहां से टीम ने एक नाबालिग सहित दो लडकियों को बरामद कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया . 


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