Prayagraj News/मोहम्मद गुफरान: उत्तर प्रदेश के हाई कोर्ट द्वारा शाही ईदगाह कमेटी की सिविल वाद की पोषणीयता पर सवाल उठाए हैं. यह सवाल शाही ईदगाह कमेटी द्वारा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज होने के बाद उठाए गए हैं. हाईकोर्ट अब 12 अगस्त से सभी मुकदमों का ट्रायल एक साथ शुरू करेगा. 


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महमूद प्राचा ने बताया उल्लंघन
शाही ईदगाह कमेटी के वकील महमूद प्राचा ने हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को वर्षिप एक्ट, वक्फ एक्ट और लिमिटेशन एक्ट का खुला उल्लंघन बताया है. इसके बाद महमूद प्राचा ने कहा हाईकोर्ट के फैसले को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. आपको बता दें कि हाईकोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद से वादों की सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. 


देश के संस्थानों पर बताया दबाव
महमूद प्राचा ने कहा इस केस का ट्रायल हम अयोध्या और ज्ञानवापी की तरह से नहीं होने देंगें. चाहे जितनी भी विपरीत प्रस्थितियां होंगी. लेकिन हम शार्ट कट में नहीं बल्की प्रॉपर तरीके से पूरा ट्रायल कराएंगे. इसके साथ ही वह बोले कि पिछले 11 सालों से देश के सभी संस्थान दबाव में हैं. ज्यूडिसरी को लिए कहा वहां पर भी इंसान ही हैं. सुप्रीम कोर्ट के जजेस भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कह चुके हैं कि उन पर दबाव है.


18 पिटीशन हैं दाखिल
महमूद प्राचा ने कहा मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में 18 पिटीशन दाखिल हैं. उन्होंने कहा कि मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि का केस अयोध्या और ज्ञानवापी से अलग है. अयोध्या और ज्ञानवापी मामले में उतने पिटिशनर नहीं उतारने पड़े जितने इस केस में उतारने पड़े हैं. 


हिंदू संतों ने मनाई खुशी
इलाहाबाद हाईकोर्ट से फैसला आने के बाद हिंदू संतों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. सभी संतों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी प्रसन्नता जाहिर की थी. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आर्डर 7 रूल 11  की आपत्ति वाली अर्ज़ी को खारिज किया है. 


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