Shri Krishna Janmashtami: मथुरा में इस बार चंद्रयान-3 थीम पर मनेगा जन्मोत्सव, प्रज्ञान-प्रभास की पोशाक में दिखेंगे श्रीकृष्ण लल्ला
Shri Krishna Janmashtami: मथुरा में हर बार की तरह इस बार भी बड़े ही धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा. इस बार जन्मोत्सव का थीम चंद्रयान-3 होगा. लल्ला जन्म लेते ही भक्तों को प्रज्ञान-प्रभास की पोशाक में दर्शन देंगे.
मथुरा: तीर्थनगरी मथुरा में हर बार की तरह इस बार भी बड़े ही धूमधाम से जन्माष्टमी मनाने की तैयारी है. जन-जन के आराध्य श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव होने जा रहा है जिसे लेकर इस बार मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान में बहुत ही भव्य तैयारी की गई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान को चंद्रयान-3 थीम पर सजाने की तैयारी है. जन्म होते ही लल्ला को उनके भक्त प्रज्ञान-प्रभास पोशाक में देख पाएंगे.
लल्ला का अभिषेक
इसके बाद कामधेनु गाय जोकि सोने-चांदी से निर्मित 100 किग्रा की होंगी लल्ला का अभिषेक हरिद्वार के गंगाजल व गोमाता के दूध से करेंगी. अजन्मे के स्वागत में एक फूल बंगला सजाया जाएगा जिसका नाम इसरो चीफ एस सोमनाथ के नाम पर ही रखा जाना है. चंद्रमा और प्रज्ञान का कटआउट भागवत भवन के द्वार पर लगा दिया जाएगा. संभावना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में शिरकत करें.
12 बजे भगवान का प्राकट्य
वैज्ञानिक यंत्र ''प्रज्ञान'' के नाम पर ठाकुरजी की पोशाक का नाम दिया गया है ''प्रज्ञान-प्रभास''. वहीं पांच पोशाक भी बनाई गई हैं जिनमें से एक राधा-कृष्ण की बड़ी पोशाक को तैयार करने में हेमंत मुकुट व उनके 30-35 कारीगर जुटे हुए हैं. कुछ काम बंगाल व दिल्ली में भी किए गए हैं. इसके अलावा गर्भगृह और युगमाया की पोशाके भी बनाई जा रही है. गर्भगृह के बाहरी भाग की बात करें तो यहां पर उत्कीर्ण भगवान के जन्म से पहले की लीलाएं भक्तों को आकर्षित करेंगी. ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन 1008 कमल-पुष्पों से किया जाएगा. आने वाले सात सितंबर की रात को 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ ही पूरे मंदिर परिसर में उत्सव होगा, इस दौरान ढोल-नगाड़े, झांझ-मंजीरे, मृदंग बजाए जाएंग.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम की समय सारिणी-
श्रीकृष्ण जन्म महाभिषेक कार्यक्रम 7 सितंबर की रात्रि में श्रीभागवत भवन मंदिर में किया जाएगा.
श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना व पूजन का समय रात के 11:00 बजे से शुरू होगा.
कमल पुष्प एवं तुलसीदल से सहस्त्रार्चन रात के 11:55 बजे तक होगा.
प्राकट्य दर्शन हेतु पट बंद होने का समय रात के 11:59 बजे है.
प्राकट्य दर्शन/आरती रात के 12:00 बजे से शुरू होकर 12:05 बजे तक चलेगी.
पयोधर महाभिषेक कामधेनु राके 12:05 बजे से लेकर 12:20 बजे तक होगा.
रजत कमल पुष्प में ठाकुरजी को विराजमान कराया जाएगा.
जन्म महाभिषेक रात के 12:20 बजे से लेकर 12:40 बजे तक किया जाएगा.
शृंगार आरती का समय रात के 12:40 बजे से लेकर 12:50 बजे तक होगा.
शयन आरती का समय रात के 1:25 बजे से लेकर 1:30 बजे तक होगा.
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