window blinds open: घूमने का शौक ज्यादातर लोगों को होता है. बेहद कम लोग ही होंगे जिनको इसकी चाहत नहीं होती होगी. बात जब घूमने की आती है तो प्लेन से जाना एक अलग ही अहसास कराता है. बात चाहें ट्रेन-फ्लाइट से घूमने की हो या कुछ और, कई नियम ऐसे होते हैं जिनके बारे में हमको ज्यादातर मालूम नहीं होता. या फिर हम इनको नजरअंदाज कर देते हैं. इन्हीं में से एक है फ्लाइट की लैंडिंग और टेकऑफ के समय खिड़कियों के परदों को खोलना. क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है. अगर नहीं तो चलिए आइए जानते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या आपको पता है कारण?
अगर आपने फ्लाइट से यात्रा की होगी तो देखा होगा कि पैसेंजर्स से मोबाइल फ्लाइट मोड में डालने के लिए कहा जाता है. साथ ही सीट बेल्ट पहनने और ऑक्सीजन मास्क पहनने के बारे में बताया जाता है. इसके अलावा विमान की लैंडिंग और टेकऑफ के समय खिड़कियों के परदों को खोलने के लिए कहा जाता है. एयरहोस्टेस खुद हर सीट पर जाकर इनको ऊपर करवाती हैं. अगर कोई यात्री ऐसा नहीं करता तो उनके साथ सख्ती से ऐसा करने के लिए कहा जाता है. लेकिन इसका कारण शायद ही आपने सोचा होगा. अगर आपको भी इसके बारे में अब तक पता नहीं तो चलिए जान लीजिए.


ये है वजह?
खिड़कियों से परदों को हटाने के पीछे यात्रियों की सुरक्षा प्रमुख कारण है. दरअसल लैंडिंग और टेकऑफ के वक्त की सबसे ज्यादा विमान हादसे होते हैं.  खिड़के के परदों को खोलने के पीछे वजह यह है कि यात्रियों को यह पता रहे कि बाहर क्या कुछ घटित हो रहा है. साथ ही उसको इन घटनाओं के बारे में पता रहे और वह इनके लिए तैयार रहे. इसके अलावा लैंडिंग टेकऑफ के समय ट्रे टेबल भी बंद करा दी जाती हैं. क्योंकि अगर विमान हादसे का शिकार होता है तो पैसेंजर आगे वाली सीट पर गिरते हैं. ट्रे टेबल खुलने पर यात्रियों को चोट भी लग सकती है. इसलिए इनको बंद कराया जाता है.


यह भी पढ़ें - चार पैर और तीन हाथ, मुजफ्फरनगर में जन्मे दुर्लभ बच्चे को मिला नया जीवनदान


यह भी पढ़ें -  Ajab Gajab News: महिला को गर्भवती मान रहे थे परिजन, ऑपरेशन में जो निकला, उसने उड़ा दिए सबके होश