गोंडा से 51 साल पहले लापता शख्स घर लौटा, 17 साल की उम्र में कैसे 3 हजार किमी दूर पहुंचा, सुनाई पूरी कहानी
Gonda News: गोंडा जिले के त्रिजुगी नारायण, जो 17 साल की उम्र में घर से गायब हो गए थे, 51 साल बाद घर लौटे हैं. उनके घर आने से परिवार और गांव में खुशी का माहौल है. आइए जानते हैं त्रिजुगी नारायण के संघर्ष की कहानी
Gonda News/अतुल कुमार यादव: कहते हैं, भगवान के घर देर है अंधेर नहीं. ऐसा ही कुछ हुआ गोंडा जिले के जेठपुरवा ग्राम पंचायत के गोसाई पुरवा गांव के रहने वाले 68 वर्षीय त्रिजुगी नारायण के साथ. त्रिजुगी नारायण 17 साल की उम्र में घर के एक झगड़े के बाद अचानक लापता हो गए थे. परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला और समय के साथ परिवार ने भी उम्मीद छोड़ दी थी. इनके गायब होने के बाद उनके हिस्से की जमीन भी उनके नाम नहीं हो पाई थी. पर अब 51 साल बाद त्रिजुगी नारायण सीनियर सिटीजन बनकर घर लौटे हैं.
श्रीलंका ले जाने वाले युवक ने छोड़ दिया
32 वर्ष पहले गांव के ही रहने वाले कुछ लोग दिल्ली में गए हुए थे और इन्हें देख घर बुलाने का जब प्रयास किया तो यह घर छोटे भाई के गौना कार्यक्रम में भी नहीं आए थे. इसी दौरान दिल्ली में त्रिजुगी नारायण से एक युवक की मुलाकात हुई जिसने नौकरी लगवाने को लेकर त्रिजुगी नारायण को लालच दिया और श्रीलंका लेकर चला गया. त्रिजुगी नारायण जब पानी के जहाज से श्रीलंका पहुंचे तो वहां पर इन्हें कोई काम नहीं मिला और एक हफ्ते तक खाना पानी देने के बाद श्रीलंका ले जाने वाला युवक खुद इनको छोड़कर वापस चलाया आया.
त्रिजुगी नारायण का संघर्षपूर्ण जीवन
त्रिजुगी नारायण ने लगभग 30 साल श्रीलंका के समुद्री तट पर संघर्षमय जीवन बिताया. समुद्र के किनारे बसे लोग उन्हें खाना और पानी दे देते थे, जिससे उनका जीवन चलता रहा. इसी बीच उन्हें एक भारतीय युवक मिला, जिसे उन्होंने अपनी कहानी सुनाई. उस युवक ने उन्हें पानी के जहाज से भारत के आंध्र प्रदेश के हैदराबाद पहुंचाया और वहां से त्रिजुगी किसी तरह दिल्ली लौटे.
51 साल बाद घर वापसी
दिल्ली में एक गोंडा के व्यक्ति से बात करने पर उन्हें अपने गांव की याद आई. उस व्यक्ति ने उनका पता पूछकर किराया देकर गोंडा जाने वाली ट्रेन में बैठा दिया. तीन दिन पहले गोंडा स्टेशन पर पहुंचने के बाद गांव के लोगों ने उनके परिवार को खबर दी और उन्हें घर वापस लाया गया. 51 साल बाद त्रिजुगी नारायण को देखकर उनका परिवार बेहद खुश है. उनके लौटने से गांव और परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है, और सभी ने इस पुनर्मिलन को भगवान की देन बताया है.
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