सलमान आमिर/सिद्धार्थनगर: सिद्धार्थनगर जिले में जिंदगी और मौत के कश्मकश का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिस शख्स को हार्ट अटैक से मरा जानकर उसके परिजन मुंबई से लेकर गांव आए. उसके क्रियाकर्म और सुपुर्दे खाक करने की सारी तैयारियां गांव में पूरी कर ली गई थीं. यहां तक उसकी कब्र भी खोद दी गई. लेकिन इससे पहले कुछ ऐसा हुआ जिसे देख हर कोई हैरान रह गया.


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घरवालों ने समझा मरा 
मामला सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज के सीकहरा गांव का है. सीकहरा गांव के रहने वाले अकरम की मुंबई में अचानक तबीयत खराब हुई. मुंबई के एक अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया. जहां पता चला कि उसे सीरियस हार्ट अटैक आया है. अकरम का अस्पताल में 24 घंटे तक इलाज हुआ और वहां से डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया. घरवालों ने समझा कि उसकी मौत हो गई है.


सुपुर्दे खाक की थी तैयारी 
उन्होंने इसकी सूचना शिकहरा गांव में उनके परिजनों को दी और उसको एंबुलेंस से लेकर गांव के लिए रवाना हुए. इस बीच गांव के लोगों ने उसके मौत की सूचना पर उसकी कब्र तक खुदकर तैयार कर दी. आज सुबह 3 बजे जब उसका शव गांव में पहुंचा तो लोगों को उसका शव देखकर शक हुआ कि उसकी सांसें चल रही हैं. इस बीच लोग उसके जिंदा होने की बातें करते रहे.


हिलते होंठ देख डॉक्टर के पास ले गए 
करीब 6 घंटे बीत जाने के बाद जब उसे नहलाने की तैयारी शुरू हुई तो किसी व्यक्ति ने उसके होठों को हिलते हुए देखा और आनन-फानन में उसे डॉक्टर को दिखाया गया. डॉक्टर ने चेकअप के बाद उसे जीवित बताया और पास के एक निजी अस्पताल में उसे भर्ती किया. जहां उसकी हालत चिंताजनक होने की वजह से उसे बस्ती और फिर बाद में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.


गोरखपुर में चल रहा इलाज
अकरम का इलाज गोरखपुर के अस्पताल में हो रहा है जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है. कहना ना होगा कि अगर गांव वालों ने उसके जिस्म को ठीक से ना देखा होता और उसकी और ऐनवक्त में सांस ना चली होतीं तो आज शायद वह जिंदा होते हुए भी मनों मिट्टी के नीचे दफन हो गया होता.