लखनऊ, (विनोद मिश्रा): लखनऊ में सामाजवादी पार्टी दफ्तर के बाहर लगे अखिलेश यादव और मायावती के पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है. पार्टी ऑफिस का बाहर लगे इन पोस्टर्स में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमों मायावती एक साथ हैं. दिल्ली में अखिलेश और मायावती की मुलाकात और फिर सीबीआई जांच में उंगली अखिलेश की ओर उठने के बाद यह पोस्टर एक तंज भी है. 


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इस पोस्टर पर अखिलेश यादव का वो बयान भी लिखा है, जो तीन दिन पहले सामाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी दफ्तर में दिया था. पोस्टर पर लिखा है 'हमारे पास गठबंधन है और बीजेपी के पास सीबीआई.' 



दरअसल, यूपी में खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की एफआईआर में इस बात का ज़िक्र है कि 2012 से 2016 तक जो भी खनन मंत्री रहे है उन सब से पूछताछ हो सकती है. इस के बाद बीजेपी सामाजवादी पार्टी और अखिलेश पर हमलावर हो गई. 


साल 2012 से 2013 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास खनन विभाग भी था. इस लिहाज से कहा गया कि सीबीआई अखिलेश यादव से भी पूछताछ कर सकती है. लिहाजा अखिलेश ने खुद सफाई भी दी और कहा कि बीजेपी इसका सियासी फायदा लेना चाहती है. अखिलेश ने आरोप लगाया था कि बीजेपी हमारी गठबंधन डरी हुई है, इसलिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है. अखिलेश के इस बयान का जिक्र भी इस पोस्टर में किया गया है.


पोस्टर में अखिलेश और मायावती की वो तस्वीर लगाई गई है जब दोनों पहली बार एक साथ दिखाई दिए थे. कर्नाटक में सरकार के शपथग्रहण के मौके पर पूरा विपक्ष एक मंच पर था. उस वक्त अखिलेश और मायावती भी एक साथ उस मंच पर दिखाई दिए थे, हालांकि उसके बाद कभी भी दोनों एक साथ किसी भी सार्वजनिक मंच पर दिखाई नहीं दिए. 


यह पोस्टर छात्र सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपू श्रीवास्तव नाम के एक कार्यकर्ता ने लगाए हैं. एसपी कार्यकर्ताओं का मामना है कि बीजेपी सीबीआई के जरिए हमारे नेता को बदनाम करना चाहती है. लेकिन, इस बार जवाब जनता देगी. हालांकि, सामाजवादी पार्टी दफ्तर के बाहर लगे इस पोस्टर को लेकर सामाजवादी पार्टी का कोई पदाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.