देहरादून: उत्तराखंड में बीते एक महीने में स्वाइन फ्लू से 11 लोगों की मौत के बाद यहां अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस वायरस से अधिकतर मौतें देहरादून में हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. ताराचंद पंत ने कहा कि हमने एक अलर्ट जारी कर दिया है और स्वाइन फ्लू के मद्देनजर जरूरी सभी उपाय अपनाए जा रहे हैं.


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राज्य में जनवरी में स्वाइन फ्लू का पहला मामला सामने आने के बाद प्रत्येक दो दिनों के बाद करीब एक व्यक्ति की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. यहां बुधवार को एक डेढ़ वर्षीय बच्चे की निजी अस्पताल में एच1एन1 वायरस से मौत हो गई, जिससे इस पहाड़ी राज्य में तेजी से इस बीमारी के फैलने को लेकर लोग चिंतित हो गए हैं.


डॉक्टरों ने कहा कि अधिकतर मामले देहरादून और हरिद्वार से सामने आए हैं, जबकि कुछ लोग उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में भी इस वायरस की चपेट में आए हैं. डॉ. पंत ने कहा कि एच1एन1 एक मौसमी इन्फ्लुएंजा की तरह है, जो जुकाम की तरह से ठीक हो सकता है. उम्रदराज, शिशु और मधुमेह से पीड़ित लोग, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनकी हालत बिगड़ सकती है.


यहां से कुल 95 नमूनों को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए नई दिल्ली भेजा गया था. अबतक, करीब 25 मामलों को पॉजिटिव पाया गया है, जिनमें से 11 अभी भी देहरादून समेत राज्य के विभिन्न जगहों पर अस्पतालों में भर्ती हैं. उन्होंने कहा कि इलाज के बाद तीन अन्य को उनके घर भेज दिया गया है.


डॉ. पंत ने कहा कि हम स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. विभिन्न अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीजों के लिए 176 अलग से बेड (आइसोलेशन बेड) की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा हमारे पास पर्याप्त मात्रा में दवाइयां हैं.


उन्होंने उन आरोपों को खारिज कर दिया गया, जिसमें कहा जा रहा था कि राज्य में नमूना परीक्षण सुविधा कम होने की वजह से लोगों की मौत ज्यादा हो रही है और कहा कि डॉक्टरों को लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण देखते ही तत्काल दवाइयां देने के निर्देश दिए गए हैं.