जिन्ना को `महापुरुष` बोलकर फंसे स्वामी प्रसाद मौर्य, पार्टी से निकालने की उठी मांग
AMU पर जिन्ना की तस्वीर को लेकर जारी विवाद पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिन्ना भारत के महान पुरुष थे. बंटवारे से पहले उनका भी देश के लिए योगदान था.
कानपुर: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के स्टूडेंट यूनियन ऑफिस में पाकिस्तानी संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिन्ना विवाद को लेकर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कानपुर में कहा कि जिन्ना भारत के महान पुरुष थे. बंटवारे से पहले जिन्ना का भी देश के लिए योगदान था. अपनी पार्टी के सांसदों और अन्य नेताओं पर हमला बोलते हुए मौर्य ने कहा, ' चाहे उनकी ही पार्टी के सांसद या विधायक क्यों न हो ऐसी बयानबाजी करने वालों को वे घटिया किस्म का मानते हैं, क्योकि देश के बंटवारे के पहले जिन्ना का भी योगदान रहा है.'
मौर्य देशवासियों से अपने बयान के लिए माफी मांगे
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर नव निर्वाचित राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि उनके इस कृत्य से उत्तर प्रदेश सरकार और बीजेपी की छवि पर देश के अंदर बहुत बड़ा धक्का लगा है. उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे को ट्वीट करते हुए कहा कि अपने बयान के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य देशवासियों से माफी मांगे, अन्यथा उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निकाल दिया जाए.
मौर्य का पार्टी से मोहभंग हो चुका है- हरनाथ सिंह
हरनाथ सिंह ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बीजेपी से मोहभंग हो चुका है. शायद, उन्होंने अपने लिए नए ठिकाने तलाश लिए है, इसलिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं. बता दें, पिछले दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि मायावती का शासनकाल, योगी आदित्यनाथ के शासनकाल से बेहतर था. मौर्य के मुताबिक मायावती के राज में भ्रष्टाचार पर लगाम रहता है.
AMU देशद्रोहियों का अड्डा रहा है- हरनाथ सिंह
हरनाथ सिंह यादव AMU में जिन्ना की तस्वीर को लेकर कहा कि यह जघन्य अपराध में आता है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से AMU देशद्रोही गतिविधियों का अड्डा रहा है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की.
इस विवाद को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि जो मुसलमान भारत में रह रहे हैं, उन्होंने जिन्ना की सोच और बंटवारे के फैसले को कभी स्वीकार नहीं किया. इसलिए, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जिन्ना की तस्वीर को जरूर हटा देना चाहिए.
आडवाणी को जिन्ना की तारीफ करने पर देना पड़ा था इस्तीफा
2005 में लालकृष्ण आडवाणी का पाकिस्तान दौरा हर किसी को याद होगा. उस दौरे में लालकृष्ण आडवाणी ने जिन्ना को घर्मनिरपेक्ष नेता कहा था. अपने बयान की वजह से आडवाणी को पार्टी के अध्यक्ष पद से तुरंत इस्तीफा देना पड़ा था.
अलीगढ़ के सांसद सतीष गौतम की चिट्ठी के बाद शुरू हुआ विवाद
इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब स्थानीय बीजेपी सांसद सतीष गौतम ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को चिट्ठी लिखकर पूछा कि, क्या AMU के छात्रसंघ कार्यालय में पाकिस्तानी संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी हुई है? अगर, जिन्ना की तस्वीर लगी हुई है तो किस विभाग में लगी है और किन कारणों से लगी है वह बताएं. साथ में यह भी पूछा था कि AMU में जिन्ना की तस्वीर का लगा होना कितना तार्किक है?