हाथरस: हाथरस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है और तमाम सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस भीषण हादसे का गुनहगार कौन है. हादसे को लेकर जो एफआईआर दर्ज हुआ है उसमें बाबा नारायण साकार हरि का आरोपी के रूप में नाम ही नहीं दर्जा किया गया है. वहीं, हादसे का आरोपी मुख्य सेवादार के साथ ही अज्ञात सेवादार व आयोजकों को बनाया गया है. मुख्य आरोपी को लेकर कई बड़ी खुलासे भी हो रहा है. मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर फिलहाल, परिवार समेत फरार है.


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दरअसल, हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है जिसके मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों के संपर्क में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर है और गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी में लगा हुआ है. बताया रहा है कि देव प्रकाश मधुकर एफआईआर दर्ज होने के बाद से  ही हाईकोर्ट के वकीलों के संपर्क में है. इसके अलावा कई और नामजद आरोपी भी है जोकि वकीलों के संपर्क हैं. भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126, 223, 238 में मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर पर एफआईआर दर्ज है. 


मुख्य आरोपी के घर पर ताला 
जल्द ही हाईकोर्ट में देव प्रकाश मधुकर की तरफ से अर्जी भी दाखिल हो सकती है. हाथरस में हुए हादसे को लेकर पुलिस की तरफ से दर्ज एफआईआर में पहला नाम है देव प्रकाश मधुकर का है. मधुकर हाथरस के सिकंदराराऊ में दमदमपुरा का रहने वाला बताया जा रहा है. लोगों के मुताबिक देव प्रकाश ग्राम पंचायत के अंदर सेक्रेटरी है और हादसे के बाद से ही परिवार समेत फरार हो चुका है. फरार आरोपी वेद प्रकाश मधुकर के न्यू कॉलोनी घर पर ताला लटका मिला.


पैर छूने और पैरों की धूल उठाने की होड़
हाथरस सत्संग भगदड़ को लेकर एसडीएम सिकंदरा राउ हाथरस की आधिकारिक जांच रिपोर्ट में भगदड़ के कई संभावित कारणों में से एक यह बताया गया है कि भक्तों ने नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के पैर छूने और उनके द्वारा गुजरे रास्ते से मिट्टी इकट्ठा करने का प्रयास किया था. बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड और सेवादारों ने भीड़ को परेशान किया, तभी भगदड़ मच गई. 


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रिपोर्ट में कई बड़ी बातों का खुलासा
एसडीएम की रिपोर्ट में कई बड़ी बातों का खुलासा किया गया है. 2 लाख से अधिक भीड़ थी, बाबा सत्संग से बाद बाहर निकला तो पब्लिक दौड़ी और बाबा के चरण रज उठाने के चक्कर में भगदड़ मची गई. बाबा की व्यक्तिगत आर्मी और श्रद्धालुओं के बीच धक्का मुक्की हुई. जब वहां से लोग भागने लगे तो दलदल और ऊंची नीची जमीन पर फिसलने लगे. तभी भगदड़ मच गई. इस तरह बाबा का चमत्कार चीत्कार में कब बदल गई कुछ पता ही नहीं चला.