मोहम्मद तारिक/पीलीभीत : पीलीभीत में दो दिन पूर्व मदरसों को लेकर बयान दिए जाने के बाद पुलिस ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष हाफिज नूर अहमद अहजरी को गिरफ्तार कर लिया है. कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है. हालांकि,  उनकी गिरफ्तारी धोखाधड़ी के एक मामले में दिखाई गई है. 


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दो दिन पहले दिया था बयान 
दरअसल, कोतवाली पूरनपुर क्षेत्र के मोहल्ला खानका के रहने वाले नूर अहमद अजहरी ने 2 दिन पहले एक वीडियो जारी किया था. इसमें था कि मौजूदा सरकार कभी मस्जिद तो कभी मदरसों को टारगेट कर उनको तोड़ने का काम कर रही है. सरकार मदरसों मस्जिद के नाम से एक समुदाय के लोगों को डरा रही है, ताकि लोग मदरसों में पढ़ाई न करें और हाफिज आलिम न बन सकें. 


एक समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा 
सरकार कभी अयोध्या तो कभी ज्ञानवापी सहित इबादत गाह को कोर्ट का सहारा लेकर टारगेट कर रही है. मौजूदा सरकार ने राम मंदिर के नाम से विदेश से चंदा इकट्ठा किया. अगर हम अपनी इबादत गाह के लिए चंदा लेते हैं तो सरकार उसमें जांच करती है. सरकार सिर्फ एक धर्म के लोगों को टारगेट कर उनको डराने धमकाने और उनकी इबादत गाह को खत्म करने का काम कर रही है. 


सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था बयान 
आखिर हमें कब मिलेगा इंसाफ. ऐसे कई मुद्दों पर बयान दिया है. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी के पुराने मुकदमे में नूर अहमद अजहरी को वांछित दिखाते हुए गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है. उधर, आरोपी के अधिवक्ता सत्य प्रकाश पांडे ने कहा कि जिन धाराओं में नूर अहमद अजहरी को गिरफ्तार किया गया है, उसमें 7 साल से कम की सजा थी और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि ऐसे मामलों में गिरफ्तार न किया जाए, बावजूद इसके पुलिस ने गिरफ्तार किया है.