मो. गुफरान/प्रयागराज: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान (Azam Khan) के पूर्व मीडिया प्रभारी बीजेपी नेता फसाहत अली सानू (BJP Leader Fasahat Ali Sanu) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने फसाहत अली की दो मुकदमों में पूर्व में मिली जमानत को रद्द कर दिया है. दोनों मुकदमों में सपा नेता आजम खान भी आरोपी है. फसाहत अली सानू पर आजम खान के साथ मिलकर यतीमखाना की जमीन को कब्जाने का आरोप है. 


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राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका 
दोनों मुकदमे रामपुर कोतवाली में धारा 452, 427, 504, 323, 506, 395, 448, 120बी और आईपीसी 412 के तहत दर्ज हैं. जिनमें सानू को पूर्व में कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी. लेकिन राज्य सरकार की तरफ से जमानत को रद्द करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें कहा गया था कि फसाहत अली ने जमानत की निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं किया है. लिहाजा दोनों मुकदमों में पूर्व मिली जमानत को रद्द किया जाए. राज्य सरकार की तरफ से दी गई अर्जी को हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए सानू की जमानत को रद्द कर दिया है. 


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सानू पर गिरफ्तारी का खतरा
जमानत रद्द होने के बाद उनके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. सानू के अधिवक्ता गौरव तिवारी और मुमताज अहमद सिद्दीकी ने बताया कि उनके पक्ष को बगैर सुने ही कोर्ट ने एकतरफा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट के इस फैसले से हम संतुष्ट नहीं हैं. फिलहाल जमानत रद्द होने के बाद सानू पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है. 


विस चुनाव के दौरान बीजेपी का थामा था दामन
हाल ही में रामपुर सदर के उपचुनाव के दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल का हाथ थाम लिया था. बीजेपी नेता आकाश सक्सेना की जीत में फसाहत अली खान उर्फ सानू की बड़ी भूमिका बताई जा रही थी. 


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