मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों को फिलहाल कोई अंतरिम राहत नहीं दी है. हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन कहा है कि नियुक्तियां याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन होंगी. हाईकोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार से भी 4 हफ्ते में जवाब मांगा है.


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अब मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी. हाईकोर्ट ने रोहित, अंशू सिंह सहित कई अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. हाईकोर्ट में दाखिल सैकड़ों याचिकाओं में अभ्यर्थियों ने अंतिम चयन परिणाम रद्द कर नए सिरे से रिजल्ट घोषित करने की मांग की थी. जस्टिस प्रकाश पाडिया की एकल पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया.


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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती का परिणाम घोषित होने के बाद प्रश्नों के उत्तर विकल्प गलत होने को लेकर 1 या 2 अंक से पीछे रह गए हजारों अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली है. अमरेंद्र कुमार सिंह व 706 अन्य, मनोज कुमार यादव व 36 अन्य, अंशुल सिंह व 29 अन्य और सुनीता व 35 अन्य की याचिकाएं कोर्ट में दाखिल की गई हैं.


याचियों का कहना है कि कई सवालों के उत्तर विकल्प गलत होने के कारण, सही जवाब देने के बावजूद उन्हें मेरिट में स्थान नहीं दिया गया है. जबकि गलत उत्तर देने वालों को चयनित कर दिया गया है. याचिकाओं ने आरोप लगाया है कि 142 सवालों पर अभ्यर्थियों ने आपत्तियां भेजी थीं. लेकिन तीन गलत सवालों को हटाकर ही परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने सभी अभ्यर्थियों को समान अंक देते हुए चयन परिणाम घोषित कर दिया.


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याचियों ने हाईकोर्ट से मांग की है कि गलत उत्तर वाले प्रश्न हटाकर नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाई जाए और घोषित परिणाम रद्द किया जाए. याचियों ने कई अन्य कानूनी मुद्दे भी उठाए हैं. आपको बता दें कि बीते 18 मई से इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.


बेसिक शिक्षा परिषद परीक्षा में सफल व्यक्तियों से आवेदन ले रहा है. आवेदन के बाद मेरिट के आधार पर काउंसिलिंग कर अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की भी तैयारी चल रही है. लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद भर्ती में होने वाली नियुक्तियां याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन होंगी. 


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