मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज : फर्जीवाड़ा करने वाले ने किसी और की नहीं बल्कि मथुरा के बांके बिहारी मंदिर की जमीन पर ही धांधली कर दी. मंदिर की जमीन को कब्रिस्तान के नाम दर्ज किए जाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने जमीन को बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के नाम दर्ज किए जाने का आदेश दिया है. एक महीने के अंदर जमीन को राजस्व विभाग के दस्तावेजों में मंदिर ट्रस्ट के नाम करना होगा. बता दें कि मथुरा के छाता तहसील के शाहपुर गांव में स्थित 1081 गाटा संख्या की जमीन को कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज है. भोले खान पठान नाम के शख्स ने फर्जीवाड़ा करके बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट की जमीन कब्रिस्तान के नाम दर्ज कराया था. कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट की जमीन को पुनः राजस्व अभिलेखों में दर्ज किए जाने का आदेश दिया है.


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इलाहाबाद हाई कोर्ट में मथुरा के बांके बिहारी मंदिर की जमीन को लेकर केस चल रहा था. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि दस्तावेजों में मंदिर की जमीन को कब्रिस्तान बता दिया गया था. अब हाई कोर्ट ने प्रशासन से जमीन के मालिकाना हक में बदलाव से जुड़े सभी राजस्व दस्तावेज पेश करने को कहा था. 


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रिकॉर्ड में बदल गया मालिकाना हक


याचिकाकर्ता ट्रस्ट ने कोर्ट को बताया था कि मथुरा जिले की छाता तहसील के शाहपुर गांव में स्थित भूखंड संख्या 1081 राज्य के राजस्व रिकॉर्ड में मूल रूप से बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के नाम रजिस्टर्ड था, लेकिन अपने आप कब्रिस्तान के रूप में दर्ज हो गया.


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