प्रयागराज: तबलीगी जमात के लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ, मेरठ और बरेली के CJM (Court of Judicial Magistrate) को सौंपी है. साथ ही उन्हें 8 हफ्तों में निस्तारित करने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस शमीम अहमद की बेंच ने मौलाना आला हदरमी व अन्य की याचिका पर दिया है.


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कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को अलग-अलग जिलों में तबलीगी जमात पर दर्ज आपराधिक मुकदमे 2 हफ्ते में 3 ज़ोन (लखनऊ, मेरठ और बरेली) के जिलों की CJM कोर्ट में भेजने का निर्देश दिया है. इसके अलावा, मामसे की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की जा सकती है.


महानिबंधक सुनवाई की मॉनिटरिंग कर 3 महीने में रिपोर्ट चीफ जस्टिस के सामने पेश करेंगे. कोर्ट ने आदेश का अनुपालन करने के लिए आदेश की प्रति चीफ सेक्रेटरी, डिस्ट्रिक्ट जज और डिसट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट को भेजनी होगी. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दाखिल की गई थी. 


मुकदमों की सुनवाई में दिक्कते आने और जमानत आदेशों पर अलग-अलग शर्तों की वजह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी. कोर्ट ने एक जिले की बजाय तीन जिलों को ज़ोन बनाकर मुकदमों की सुनवाई करने के लिए कहा था. इससे पहले प्रदेश सरकार ने आठ ज़ोन बनाए थे. इनमें  प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर और लखनऊ जोन के मुकदमे लखनऊ CJM, आगरा और मेरठ जोन के मुकदमे मेरठ CJM और बरेली जोन के मामले बरेली CJM की अदालत में सुनवाई होने की व्यवस्था की गई थी.


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