इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शरिया अदालत की तर्ज पर हिंदू अदालतों के कथित गठन के खिलाफ हस्तक्षेप करने की मांग वाली एक जनहित याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार की और राज्य सरकार के वकील को सुनवाई की अगली तारीख पर इस अदालत को इस संबंध में अवगत कराने को कहा. मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने याचिकाकर्ता अंकित सिंह को कथित हिंदू अदालत की पहली न्यायाधीश डाक्टर पूजा सकुन पांडेय को पक्षकार बनाने को कहा और इस जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया.अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 सितम्बर तय की.


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कानपुर के निवासी अंकित सिंह ने अखबार की विभिन्न रपटों के आधार पर यह जनहित याचिका दायर की है. अखबार की रपटों में यह खुलासा किया गया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा इस्लाम की शरिया व्यवस्था की तर्ज पर हर जिले में हिंदू अदालतों का गठन करने का निर्णय किया गया.


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मीडिया रपटों के मुताबिक, आरोप है कि एक हिंदू संगठन ने निर्णय किया है कि राज्य में मौजूदा सरकार और केंद्र की मोदी सरकार कानूनों को लागू करने में कथित रूप से विफल रही है जिससे नियमित अदालतों द्वारा लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण नहीं किया जा रहा है. इसलिए, हिंदुओं के मामलों और विवादों पर निर्णय करने के लिए हिंदू अदालतों का गठन करने की जरूरत है.


(इनपुट-भाषा)