मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवाहित महिला और उसके लिव इन पार्टनर को सुरक्षा की मांग मामले में बड़ा फैसला दिया है. हाई कोर्ट ने दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही दो याचियों पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने कहा कि अवैध संबंध को संरक्षित करने की आवश्यकता नहीं है. कोर्ट ने कहा ऐसे मामलों में अगर कोर्ट संरक्षण देगा तो समाज में अराजकता बढ़ेगी. 


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क्या है पूरा मामला?
दरअसल,  एक महिला बिना तलाक लिए अपने पति को छोड़कर एक अन्य पुरुष के साथ लिव-इन रिलेशन में रह रही थी. अलीगढ़ की रहने वाली महिला व अन्य की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें परिवार से जान का खतरा बताते हुए हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. 


सरकारी वकील ने दी ये दलील
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा कि महिला पहले से विवाहित है. महिला ने अपने पहले पति से कानूनी रूप से तलाक नहीं लिया है, सिर्फ बालिग होने के आधार पर वह अपने लिव इन पार्टनर के साथ रह रही है. 


हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
कोर्ट ने कहा कि अवैध संबंध को संरक्षित करने की आवश्यकता नहीं है. कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसे मामलों में कोर्ट संरक्षण देने का काम करेगा तो समाज में अराजकता बढ़ेगी. हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया, साथ ही दो याचियों पर दो हजार रुपये का जुर्मान भी लगाया है. जस्टिस रेनू अग्रवाल की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई की है.


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