Chitakoot Jail: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले (Narendra Giri Death Case) के आरोपी स्वामी आनंद गिरी (Anand Giri) ने न्यायालय से सुरक्षा की मांग की है. उनकी मांग है कि उनकी हाजिरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई जाए. उन्हें जेल में खतरनाक बंदियों से अलग रखा जाए, जिससे उनकी प्राणों की रक्षा हो सके. अपर सत्र न्यायाधीश राम प्रताप सिंह राणा ने आनंद गिरि के अधिवक्ता अजीत तिवारी की ओर दिये गए प्रार्थना पत्र पर सीबीआई के अधिवक्ता को आदेश दिया कि प्रार्थना पत्र में अंकित तथ्यों के संबंध में अपनी रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें.  इसके साथ ही कारागार अधीक्षक चित्रकूट से भी प्रार्थना पत्र के संबंध में आख्या तलब किया है. इस मामले की सुनवाई  मंगलवार को होगी. 


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आनंद गिरि ने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि उन्हें वीसी के माध्यम से वंचित किया गया. पक्ष रखने और सुनाने से भी वंचित किया गया है. उनका आपराधिक इतिहास नहीं है. उसके बाबजूद भी उन्हें कुख्यात बंदी की श्रेणी में रखा गया है. उनके अधिवक्ता को भी कई बार मिलने से जेल में रोक दिया जाता है. आरोप है कि अतीक अहमद व अशरफ के हत्यारोपी शूटर, मुख्तार अंसारी के लड़के, कुलदीप भाटी, लोकल गुंडों के बैरक में उन्हें भी रखकर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है.


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जेल में उन्होंने अनहोनी की आशंका जाहिर की है. यह भी आरोप लगाया है कि उनके अधिवक्ता न्यायालय में पूर्व दिनांक को उपस्थित नहीं थे, इसके बाबजूद भी न्यायालय में उसकी उपस्थिति आदेश पत्रिका में लिख दी गई. न्यायालय में मेरे प्रकरण की पुकार पर उसी समय शासकीय अधिवक्ता गुलचन्द्र अग्रहरि भी उपस्थित थे जिन्होंने पिछली न्यायालय में मेरे साथ अन्याय करने में अहम भूमिका निभाई है.