विशाल रघुवंशी/प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य आनंद गिरी के बीच कई दिनों से चल रहा विवाद बुधवार यानी आज गुरु पुर्णिमा के दिन खत्म हो गया. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के हस्तक्षेप के बाद विवाद का पटाक्षेप आखिरकार हो गया. बुधवार को आनंद गिरी ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी का पैर पकड़कर माफी मांगी और विवाद खत्म कर दिया. 


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क्या कहा आनंद गिरी और नरेंद्र गिरी ने?
आनंद गिरी ने पत्र के माध्यम से सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस ले लिया. आनंद गिरी ने अपने गुरु और निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर से भी माफी मांगी. जिसके बाद महंत नरेंद्र गिरी ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी भी हटा दी है. साथ ही ने अपने शिष्य स्वामी आनंद गिरी पर लगाए आरोपों को भी वापस ले लिया है. 


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क्यों बढ़ा था गुरु-शिष्य के बीच विवाद?
दरअसल, स्वामी आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में  कार्रवाई हुई थी. अखाड़े, मठ और मंदिर से निष्कासित किए जाने के बाद लगातार आनंद गिरी अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ बयान दे रहे थे. जिसके बाद अखाड़ा परिषद ने इस मुद्दे पर एक बैठक भी बुलाई थी. साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने आज गुरु पूर्णिमा के दिन आंनद गिरी को माफ करके मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी है. 


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नहीं मिला अभी मंदिर के देखरेख का अधिकार
हालांकि, अभी तक आंनद गिरी को उनका पुराना अधिकार नहीं मिला है. केवल मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर में आने पर लगाई पाबंदी हटायी गयी है. अभी उनका पुराना पद उन्हें वापस मिलेगा या नहीं इसपर कोई फैसला नहीं हुआ है. 


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