Prayagraj news: सनातन परंपरा में अखाड़ों की परंपरा सदियों पुरानी है. कुंभ मेले के स्नान पर्वों पर अखाड़ों द्वारा भव्य रूप से पेशवाई के माध्यम से स्नान किया जाता है. मगर हरिद्वार कुंभ मेला समाप्त होने के बाद अखाड़ों में आपसी विवाद के चलते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दो धड़ों में बट गया. यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था, मगर अब प्रयागराज कुंभ मेले से पहले सभी तेरह अखाड़े के साथ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एकजुट होकर कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराने की बात कर रहा है.


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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का कहना है की सभी तेरह अखाड़े एक है. सभी साधु संतों का आपसी में प्रेम है, कभी कभार थोड़ी वहुत मन मुटाव हो जाता है, मगर प्रयागराज कुंभ मेले से पहले सभी तेरह अखाड़े एक हो जाएंगे. श्रीमहंत रवींद्रपुरी महाराज का कहना है, कि अखाड़ों आपसी मनमुटाव को दूर करने में सरकार का कोई रोल नहीं होता सभी निर्णय अखाड़ों द्वारा लिए जाते हैं. सभी अखाड़ों द्वारा इसके प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे प्रयागराज कुंभ मेले को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सके


निर्मल पंचायती अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज का कहना है, की सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए समस्त संत समाज एकजुट है. कुंभ मेला सभी का है अगर कुंभ मेले में सभी अखाड़ों के संत नहीं आएंगे तो कुंभ कैसे संपन्न होगा सभी तेरह अखाड़े एकजुट है. हम अखाड़ों में पूर्व मे हुए विवादो की चर्चा नहीं करना चाहते हम एकजुटता की बात कर रहे हैं. और कुंभ मेले में सभी तेरह अखाड़े के साधु संत एक साथ गंगा स्नान करेंगे. अखाड़ों के बीच मतभेद की बातें पूरी तरह निराधार हैं.


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