अमेठीः अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका सिंह ने केंद्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने के नाम पर 25 लाख रुपए की डिमांड करने का आरोप लगाया है. इस मामले में वर्तिका सिंह ने स्मृति ईरानी सहित उनके निजी सचिव विजय गुप्ता और डॉ.रजनीश सिंह के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है. 


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क्या है आरोप
प्रतापगढ़ की रहने वाली वर्तिका सिंह ने आरोप लगाया है कि स्मृति ईरानी के करीबियों ने केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य बनाने का फर्जी लेटर जारी किया. पहले महिला आयोग की सदस्य बनाने के लिए एक करोड़ रुपए का रेट बताया गया था. वर्तिका ने आरोप लगाया कि इसके बाद उनकी अच्छी प्रोफाइल का हवाला देते हुए उनसे 25 लाख रुपए की डिमांड की गई. 


वर्तिका सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि स्मृति ईरानी के करीबी ने उनसे सोशल साइट पर लूज-टॉक भी की. जब उन्होंने भ्रष्टाचार को उजागर करने की धमकी दी तो इससे बौखलाकर विजय गुप्ता ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया. 


वर्तिका का कहना है कि उसने मामले की शिकायत कई जिम्मेदार अफसरों से भी की लेकिन सुनवाई नहीं होने के चलते उन्होंने कोर्ट की शरण ली. वर्तिका सिंह की ओर से कोर्ट में अश्लील चैट और वीडियो के सबूत भी सौंपे गए हैं. इस मामले पर आगामी 2 जनवरी, 2021 को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई होनी है. 


सीनियर IAS अफसर ने वर्तिका के खिलाफ दर्ज करवाया था मामला 
इस मामले में एक और FIR दर्ज होने की बात भी सामने आई है. इस FIR को सीनियर IAS अधिकारी एमसी जौहरी की तरफ से दर्ज करवाया गया. नवंबर में दर्ज इस FIR के मुताबिक उनके नाम से जो चिट्ठी प्रतापगढ़ एसपी को लिखी गई, वो फर्जी है. जिस चिट्ठी को आईएएस अधिकारी एमसी जौहरी द्वारा फर्जी बताया जा रहा है, उस चिट्ठी में लिखा गया था कि महिला आयोग में वर्तिका सिंह की बतौर सदस्य नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. जिस संबंध में एसपी प्रतापगढ़ से वर्तिका सिंह का बैकग्राउंड चेक कराने की गुजारिश की गई थी.


महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने भी दर्ज करायी शिकायत
बता दें की 20 नवंबर, 2020 को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा दिल्ली में स्थित पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज कराई गयी थी. इस शिकायत में बताया गया था कि एक फ़र्ज़ी दस्तावेज़ संज्ञान में आया है, जिस पर किसी वर्तिका सिंह को महिला आयोग का सदस्य बनाने को कहा गया है, वो फ़र्ज़ी है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपनी शिकायत में इसकी जाँच कराने की मांग की थी. अगले ही दिन मतलब 21 नवंबर, 2020 को IAS अधिकारी एमसी जौहरी ने भी पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके लेटर हेड का फर्जी तरीके से इस्तेमाल हुआ है, जिसकी जांच होनी चाहिए.


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