Ayodhya Dham: रामलला के प्राण- प्रतिष्ठा उत्सव में शामिल होने के लिए देश- विदेश के कई विशिष्ट मेहमान आ रहे हैं. इस उत्सव में 100 से ज्यादा विमानों और हेलिकॉप्टरों की सुरक्षित लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए वाराणसी एयरपोर्ट की अहम भूमिका है. 550 सालों के इंतजार के बाद हर सनातनी अयोध्या में विराजमान रामलला के दर्शन करना चाहता है. यहां आने वाले महमानों की संख्या को देखते हुए सरकार ने श्रीराम सर्किट बनाया है. इसमें उत्तर प्रदेश के वाराणसी समेत 3 और एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा. माना जा रहा है कि अगले माह पहली उड़ान शुरू हो जाएगी. पूर्वी यूपी के आजमगढ़, चित्रकूट एयरपोर्ट और वाराणसी एयरपोर्ट को इस सर्किट से जोड़ा जाएगा. पूर्वी यूपी के DGCA की अनुमति मिलने से यहां से अगले माह विमान सेवा शुरू करने की तैयारी है. इसी के साथ दोनों जिले हवाई मार्ग के जरिए श्रीराम सर्किट से जुड़ जाएंगे. श्रीराम सर्किट का मुख्‍य केंद्र वाराणसी एयरपोर्ट होगा. 


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अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी.  इसे देखते हुए ही हवाई सेवा बेहतर बनाई जा रही है. वाराणसी, चित्रकूट, अयोध्या और आजमगढ़ एयरपोर्ट को एक दूसरे से जोड़ा जा रहा है. इसी क्रम में बाबतपुर एयरपोर्ट की ऑपरेशन और तकनीकी टीम ने आजमगढ़ के मंदुरई एयरपोर्ट का दौरा किया. यह टीम पहली उड़ान की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है. पहली उड़ान सेवा चित्रकूट की शुरू होगी.  


लाइसेंस मिला
नागरिक उड्डयन मंत्रालय महानिदेशक (DGCA) ने आजमगढ़ एयरपोर्ट को 15 दिसंबर को एयरोड्रम लाइसेंस जारी कर दिया है. वहीं, चित्रकूट एयरपोर्ट को तीन दिन पूर्व नौ जनवरी को एयरोड्रम लाइसेंस जारी कर दिया गया. डीजीसीए की अनुमति के बाद विमानन कंपनियों की ओर से दोनों एयरपोर्ट के बीच सर्वे भी कराया जा रहा है. बाबतपुर एयरपोर्ट सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य गोकुल शर्मा ने बताया कि चित्रकूट, आजमगढ़ और वाराणसी के बीच विमान सेवा शुरू होने से तीर्थ यात्रियों को कई विकल्प मिलेंगे. टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप राय ने बताया कि हवाई मार्ग से श्रीराम सर्किट जुड़ रहा है.