अयोध्या: राम मंदिर निर्माण और इसे लेकर हो रही सियासत के केंद्र अयोध्या में एक और विवाद पैदा हो गया है. ये विवाद मंदिर बनाने को लेकर नहीं बल्कि मंदिर गिराने को लेकर खड़ा हुआ है और इसको लेकर बीजेपी पर ही आरोप लग रहे हैं. दरअसल, अयोध्या नगर निगम ने अयोध्या में पुराने और जर्जर हो चुके 177 भवनों को गिराने या मरम्मत कराने का नोटिस जारी किया है. इन जर्जर भवनों की गिनती में कई पुराने मंदिर भी आ रहे हैं. राम मंदिर आंदोलन का केंद्र और मंदिरों की नगरी कही जाने वाली अयोध्या में मंदिरों को नोटिस देने पर लोगों में रोष दिखाई दे रहा है.


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सरकार अनुदान देकर करवाए मंदिरों का जीर्णोद्धार- सत्येंद्र दास
रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास नगर निगम के इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं. सत्येंद्र दास का कहना है कि अयोध्या में कई प्राचीन मंदिर हैं और बिना सोचे समझे केवल जर्जर देखकर इन प्राचीन धरोहरों को गिराने का नोटिस दिया जाना गलत है. पहले मंदिरों की स्थिति देखनी चाहिए और जिन मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जा सकता है, उनका जीर्णोद्धार कराया जाए. सत्येंद्र दास ने कहा कि अगर मंदिरों के महंत या पुजारी खुद जीर्णोद्धार कराने की स्थिति में नहीं है, तो सरकार को अनुदान देकर उनकी मरम्मत का काम कराना चाहिए. 



मंदिरों को गिराने की खबर अफवाह है- ऋषिकेश उपाध्याय 
अयोध्या के नरहरदास मंदिर के पुजारी रामबहादुर दास भी नगर निगम से नोटिस देने की जगह मंदिर का जीर्णोद्धार कराने की मांग कर रहे हैं. नरहरदास मंदिर भी उन मंदिरों में से एक है जिन्हें जर्जर होने के चलते नोटिस दिया गया है. वहीं, अयोध्या नगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने अयोध्या में किसी भी मंदिर को गिराने की खबरों को अफवाह और दुष्प्रचार बताकर खारिज किया है. उपाध्याय के अनुसार, मंदिरों को नहीं बल्कि जर्जर भवनों को नोटिस दिया गया है.



पर्यटन मंत्रालय से लिया जाएगा सहयोग- मेयर 
उपाध्याय के अनुसार, जर्जर भवनों के गिरने का खतरा रहता है, तो ऐसे भवनों को गिराने या मरम्मत कराने को बोला गया है. उन्होंने कहा कि मंदिरों को गिराने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. मंदिरों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार तत्पर है और अगर कोई मंदिर इन नोटिसों के दायरे में आते हैं, तो राज्य सरकार के पर्यटन मंत्रालय के जरिए और जनसहयोग से उनका जीर्णोद्धार कराया जाएगा. 



हादसे से बचने के लिए कराएं जीर्णोद्धार- यूपी सरकार के मंत्री 
अयोध्या के बीजेपी विधायक वेदप्रकाश गुप्ता का भी कहना है कि अयोध्या के मंदिरों, घाटों, गलियों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. किसी मंदिर को गिराने का कोई प्रस्ताव नहीं है, बल्कि मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा. वहीं, अयोध्या में समरसता कुंभ के मौके पर पहुंचे योगी सरकार के मंत्री रमापति राम शास्त्री ने जर्जर मंदिरों को नोटिस दिए जाने को नगर निगम का सही फैसला बताया. शास्त्री ने कहा कि कोई जर्जर मंदिर गिर जाए और उसमें किसी पुजारी की मौत हो जाए, इससे अच्छा है कि उसे गिराकर नया मंदिर बनाया जाए और इसमें प्रदेश सरकार भी सहयोग करेगी.