मनमीत गुप्ता/  अयोध्या:  साल 2021 की शुरुआत से पहले ही अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) के नींव की खुदाई शुरू हो जाएगी. मंदिर निर्माण के लिए टेस्ट पाइलिंग की रिपोर्ट आईआईटी चेन्नई ने निर्माण में सहयोग कर रही कंपनी टाटा कंसल्टेंसी (Tata Consultancy) को सौंप दी है. आईआईटी चेन्नई ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की (CSIR) की देखरेख में लार्सन एंड टूब्रो (Larsen & Toubro)   के साथ  टेस्ट पाइलिंग का काम शुरू किया था. जो अक्टूबर महीने तक चला था. इसकी रिपोर्ट देने के बाद, अब राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष पूर्व IAS अधिकारी नृपेंद्र मिश्र दिल्ली में जल्द ही बैठक करेंगे.  इस बैठक में नींव की खुदाई पर मुहर लग सकती है.


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1000 वर्ष तक सुरक्षित रहेगा राम मंदिर
राम मंदिर 1000 वर्षों तक सभी मौसम में और भूकंप के दौरान भी सुरक्षित बनाने की कोशिश है.  इसके लिए  5 एकड़ भूमि पर 100 फीट गहरे 1 मीटर व्यास के 1200 खंभे की नींव बनाई जाएगी. पिलर्स को बनाने के लिए विशेष तरीके के सीमेंट, रेत और गिट्टी का प्रयोग किया जाना है. टेस्ट पाइलिंग के दौरान सीमेंट, रेत और गिट्टी से निर्मित दो स्थानों पर दो सेट पिलर बनाए गए थे, जिनका आईआईटी चेन्नई अध्ययन कर रहा था. अध्ययन के बाद रिपोर्ट टाटा कंसल्टेंसी को दे दिया गया है. टाटा और लार्सन एंड टूब्रो ही मिलकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निगरानी में मंदिर का निर्माण करेंगे.


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कैसा होगा राम मंदिर?
अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर 70 एकड़ भूमि में 5 एकड़ भूमि पर राम मंदिर के साथ कॉरीडोर बनेगा. राम मंदिर का निर्माण 2.7 एकड़ भूमि में किया जाएगा, जिसमें राम मंदिर की लंबाई 360 फीट होगी और चौड़ाई 235 फीट होगी.  इसके अलावा राम मंदिर का शिखर सहित ऊंचाई 161 फीट होगी. राम मंदिर को 3 तल में निर्मित किया जाएगा. भूतल पर 160 पिलर्स होंगे और पहले तल पर 132 पिलर्स होंगे.  वहीं, दूसरे तल पर 74 पिलर्स होंगे.


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जन्मभूमि परिसर में बचे 67 एकड़ भूमि पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कई सारे निर्माण  कार्य  प्रस्तावित किए हैं.  इसके लिए देशभर के इंजीनियरों, डिजाइनरों और आर्किटेक्ट से 25 नवंबर तक ट्रस्ट की वेबसाइट पर महायोजना के डिजाइन का सुझाव मांगा था.  राम जन्म भूमि ट्रस्ट की तरफ से 67 एकड़ भूमि पर जो महायोजना तैयार की गई है, उसमें संग्रहालय, ग्रंथालय , 360 डिग्री रंगभूमि, यज्ञशाला, सम्मेलन केंद्र, सत्संग भवन, धर्मशाला, अभिलेखागार, अतिथि भवन , अनुसंधान केंद्र, प्रशासनिक भवन , आवासीय परिसर, प्रदर्शनी, तीर्थ यात्री सुविधा, पार्किंग , संगीत फव्वारे शामिल हैं.


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