Ayodhya News : अयोध्‍या राम मंदिर में दर्शन करने के लिए बड़ी संख्‍या में भक्‍त आ रहे हैं. इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भक्‍तों और मंदिर पुजारियों के लिए बड़ा फैसला लिया. नए नियम के मुताबिक, रामलला के दर्शन करने आने वाले भक्‍तों को माथे में तिलक नहीं लगाया जाएगा. साथ ही चरणामृत देने पर भी रोक लगा दी है. वहीं, अब पुजारियों को मिलने वाली दक्षिणा भी दानपेटी में रखी जाएगी. श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के इस फैसले से पुजारियों में नाराजगी है.  


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रामानंदी परंपरा के खिलाफ ये फैसले 
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि मंदिर में चरणामृत देने और माथे पर तिलक लगाए जाने पर रोक लगा दी गई है. हम सभी भक्तों को चंदन नहीं लगा सकते हैं, भक्तों से दक्षिणा दान पेटिका में ही डलवाना, चरणामृत देने से भी रोक दिया गया है. ट्रस्ट का निर्णय है तो जरूर पालन होगा, लेकिन यह पहल रामानंदी परंपरा के अनुसार गलत है. रामानंदी परंपरा के तहत सभी मंदिरों में तिलक लगाने और चरणामृत देने की परंपरा है.


जल निकासी को लेकर उठाए थे सवाल 
बता दें कि इससे पहले मंदिर के मुख्‍य पुजारी सत्‍येंद्र दास ने मंदिर के गर्भ गृह में जल निकासी की व्यवस्था ठीक न होने की शिकायत की थी. उन्‍होंने एसी भी सही से काम न करने का आरोप लगाया था. इसके कारण गर्भगृह में कूलर लगाया गया है. 


भक्‍तों से सामान्‍य व्‍यवहार हो, इसलिए ट्रस्‍ट ने लिए फैसले 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि ट्रस्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय आम श्रद्धालुओं को देखते हुए लिया है. राम मंदिर परिषद में पहले कुछ भक्तों को चंदन टीका और चरणामृत  दिया जाता था, जिससे कई तरह के परेशानियां पैदा होती थीं. आम श्रद्धालुओं के साथ सामान्य व्यवहार हो, इस वजह से कई सारे निर्णय लिए गए हैं. इसमें अब पुजारी किसी भी श्रद्धालु को चंदन टीका और चरणामृत राम मंदिर में नहीं देंगे. साथ ही कुछ राम भक्त पुजारी को दान देते थे, अब वह दान भी राम भक्त दान पत्र में ही डाल सकेंगे. 


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