Ram Mandir: राम मंदिर के स्वर्ण कलश में लगेगा कितना सोना, अयोध्या के राजा श्रीराम का हजार साल पुराना गौरव लौटेगा
Ayodhya Ram Mandir: रामलला के भक्तों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, अयोध्या के भव्य राम मंदिर का शीर्ष फिलहाल निर्माणाधीन है. मंदिर के 161 फिट शिखर को अब स्वर्ण मंडित किया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज द्वारा इस बारे में फैसला लिया गया है.
अयोध्या: रामलला के भक्तों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, अयोध्या के भव्य राम मंदिर का शीर्ष फिलहाल निर्माणाधीन है. मंदिर के 161 फिट शिखर को अब स्वर्ण मंडित किया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज द्वारा इस बारे में फैसला लिया गया है. विवादित ढांचा के 6 दिसंबर 1992 को ध्वंस होने के दौरान मिले एक प्राचीन शिलालेख में लिखी लिपि मुताबिक यह विष्णु हरि मंदिर का शिलालेख था. लेख के अनुसार मंदिर में इसे 1154 ईस्वी में इसे लगाया गया जोकि दस मुख वाले रावण का वध करने वाले भगवान श्रीहरि यानि उनके अवतारी भगवान राम का मंदिर था. लेख में साफ साफ दर्ज है कि उस में मंदिर स्वर्ण कलश का था।
प्राचीन लिपि को पढ़ने के लिए मैसूर के माधव कट्टी को बुलाया गया
इस बारे में तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इस शिलालेख को सुरक्षित रखा गया है जिसमें प्राचीन लिपि के लिखावट को पढ़ने के लिए मैसूर के माधव कट्टी को बुलाया गया था. कट्टी ने शिलालेख का छापा लिया. प्राचीन राम मंदिर के स्वर्ण कलश पर गौर करते हुए राम मंदिर के निर्माणाधीन शिखर को अब सोने के कलश युक्त बनाया जाएगा. राम मंदिर के शिखर में कुल 13 लेयर होंगे जिनमें से 12 का निर्माण हो चुका है और 13वे पर काम चल रहा है. निर्माण कार्य को पूरा करने की आखिरी तिथि अगले यानी 2025 के दिंसंबर तक के समय को तय किया गया है. इसके लिए कारीगर भी बढ़ाए गए हैं.
भूतल पर विराजमान रामलला का होगा दर्शन
रामलला के तीन विग्रहों के जैसे ही प्रथम तल में निर्माणाधीन राम दरबार के भी दो विग्रहों बनाने पर काम हो रहा है. प्रथम तल पर राम दरबार के विग्रह की स्थापना श्वेत संगमरमर में जाएगी, इस मूर्ति का निर्माण पुणे के वरिष्ठ चित्रकार वासुदेव कामत द्वारा किया जा रहा है. मूर्ति का निर्माण वैसे तो पूरा हो गया है और अब भाव उकेरे जाने का काम टल रहा है. आगामी 15 जनवरी तक विग्रह अयोध्या लाया जाएगा. इस बीच भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को 2025 में हिंदी तिथि के अनुसार 11 जनवरी को मनाने की योजना है. प्रतिष्ठा द्वादशी नाम के इस उत्सव को 3 दिन मनाया जाएगा. राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों की माने को मंदिर निर्माण कार्यों के कारण भक्त प्रतिष्ठा द्वादशी पर भूतल पर विराजमान रामलला के दर्शन ही पा सकेंगे.
सोने की रामायण
आपको बता दें कि राम नवमी के शुभ मौके पर रामलला के जन्मोत्सव को लेकर भक्तों ने अपने लला को भरभर के उपहार समर्पित किया था. इसी कड़ी में एक भक्त ने रामलला (ayodhya ram mandir) को उपहार स्वरूप सात किलो सोने की रामायण अर्पित की है. जिसके पन्ने सोने के है और इस रामायण को गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया.
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